सीजी भास्कर, 16 जुलाई। दुर्ग के वरिष्ठ अधिवक्ता की स्कूटर दिनदहाड़े अज्ञात चोर ने पार कर दी है। यह चोरी जिला न्यायालय दुर्ग के समीप स्थित बीएसएनएल दफ्तर के कैम्पस से हुई है। घटना की रिपोर्ट दर्ज कर दुर्ग कोतवाली पुलिस चोरी हुए वाहन की तलाश में जुटी है।
आपको बता दें कि भिलाई के जांच सड़क-77, सेक्टर-6 निवासी अधिवक्ता अवधेश झा (68 वर्ष) ने दुर्ग कोतवाली में रिपोर्ट दर्ज करवाई है। उन्होंने बताया कि विगत 6 जुलाई को सुबह साढ़े 11 बजे वो अपनी सफेद स्कूटर क्रमांक सीजी 07 एयू 8296 पटेल चौक के पास बीएसएनएल आफिस के अंदर पार्किंग स्टैण्ड में खड़ी कर काम से जिला न्यायायल दुर्ग गए। शाम करीबन साढ़े 5 बजे न्यायालय का काम खत्म कर वापस बीएसएनएल आफिस के अंदर पार्किंग स्टेण्ड में जाकर देखा तो वाहन कोई अज्ञात चोर चोरी कर ले गया है। आस पास बस स्टैण्ड, रेल्वे स्टेशन में पता तलाश करने पर भी जब स्कूटर नहीं मिली तो उन्होंने एफआईआर दर्ज करवाई है।
कोतवाली पुलिस ने अज्ञात आरोपी के खिलाफ बीएनएस की धारा 303(2) के तहत अपराध पंजीबद्ध कर मामले को विवेचना में लिया है।गौरतलब हो कि दुर्ग-भिलाई में अनेक दुपहिया वाहन और मोबाइल छीन कर भाग जाने की वारदातें पुलिस रेकार्ड में लंबे अरसे से धूल खा रही हैं। कई मामलों में चोरी के वाहन नंबर प्लेट बदल विभिन्न घटनाओं में दुरूपयोग में लाए जाते रहे हैं। साबूत वाहनों को काट कबाड़ में बेचने के भी गिरोह भी इक्का दुक्का पकड़े गए हैं फिर भी वाहन चोरी की वारदात थमने का नाम नहीं ले रही है। ठीक इसी तरह मोबाइल छीन कर निकल भागने की भी अनेक एफआईआर फाइलों में धूल खा रही है। इसके पीछे पुलिस के लिए एक ठोस वजह यह भी बताने को है कि जब तक मोबाइल आन नहीं होगा उसे ट्रेस करना सायबर यूनिट के लिए मुमकीन नहीं है। फिर भी मोबाईल छीन निकल भागने की वारदात के पीछे छिपे आरोपी के रिस्क को पुलिस ट्रेस नहीं कर पाई है कि आखिर वो ऐसी वारदात कर क्यों रहे? केवल फोन छीन वर्षों तक स्वीच ऑफ रखने के पीछे मकसद क्या है। कहीं ऐसे मोबाईल पार्ट्स दर पार्ट्स कहीं बेचे तो नहीं जा रहे।
वैसे दुर्ग पुलिस ने विगत कुछ महीने में दो चार सौ मोबाइल ऐसे भी रीकवर कर पीड़ितों को लौटाए भी हैं जिनके आरोपी या साल दो साल उस फोन को रखने वालों का कोई रिकार्ड पुलिस के पास आज तक नहीं हैं, बस अधिकारी कहते हैं सायबर पुलिस ने खोजा है, वैसे भी लोग आम खाएं, गुठलियों का क्या काम!