सीजी भास्कर, 11 दिसंबर। भिलाई के सेक्टर-7 स्थित कल्याण कॉलेज में मंगलवार को ऐसा दृश्य देखने (Bhilai College Controversy) को मिला, जिसने पूरे परिसर को कुछ ही मिनटों में तनावग्रस्त बना दिया। सुबह के सामान्य शैक्षणिक माहौल के बीच NSUI के पदाधिकारी अचानक कॉलेज गेट पर जुटे और कुछ देर बाद स्थिति उस मोड़ पर पहुंच गई जहां पुलिस हस्तक्षेप अपरिहार्य हो गया। प्रिंसिपल डॉ. विनय शर्मा पर कथित दुर्व्यवहार के आरोप लगने के बाद मामला सीधा FIR तक पहुंच गया है।
मिली जानकारी के अनुसार, एनएसयूआई प्रदेश सचिव और भिलाई नगर विधायक-प्रतिनिधि आकाश कनौजिया अपने साथियों के साथ कॉलेज पहुंचे थे। दो महिला चतुर्थ श्रेणी कर्मियों की सेवा समाप्त किए जाने का मुद्दा उठाते हुए संगठन ने प्राचार्य से न सिर्फ दोबारा नियुक्ति की मांग की, बल्कि सार्वजनिक माफी की शर्त भी जोड़ दी। विरोध के दौरान बताया गया कि पहले वे गेट पर इंतजार करते रहे, परंतु जब प्राचार्य बाहर नहीं आए तो समूह सीधे केबिन तक पहुंच गया।
केबिन में 30 मिनट तक दबाव, पर्चा फेंकने और स्याही पोतने का आरोप
शिकायत में कहा गया है कि प्रदर्शनकारी गार्ड को धक्का देते हुए भीतर घुसे और करीब आधे घंटे तक प्राचार्य को चारों ओर से घेरकर नारेबाजी करते रहे। इस दौरान दस्तावेजों पर स्याही गिराने, पर्चे फेंकने और जूते–चप्पलों की माला (Bhilai College Controversy) पहनाने की कोशिश जैसे घटनाक्रम भी दर्ज किए गए। मौके पर मौजूद शिक्षकों ने बताया कि माहौल इतना तनावपूर्ण था कि पूरे स्टाफ में भय का वातावरण बन गया।
घटना के बाद प्राचार्य ने कॉलेज प्रबंधन और विश्वविद्यालय प्रशासन से चर्चा की और देर शाम भिलाई नगर थाने में औपचारिक शिकायत दर्ज कराई। इसके आधार पर पुलिस ने आकाश कनौजिया सहित कुल सात लोगों पर धारा 191(2), 221, 296 और 324(1) बीएनएस के तहत अपराध पंजीबद्ध किया है।
नामजद लोगों में पूर्व सहायक प्राध्यापक भी शामिल
FIR में जिन नामों का उल्लेख हुआ है, उनमें पूर्व छात्र, स्थानीय संगठन से जुड़े पदाधिकारी और एक पूर्व सहायक प्राध्यापक भी शामिल हैं। प्राचार्य का आरोप है कि समूह ने कार्यालय में रखे सरकारी दस्तावेजों को नुकसान पहुंचाया और उनकी नेम प्लेट पर स्याही पोतकर उपद्रव किया।
संगठन का आरोप—“विपक्ष की आवाज दबाई जा रही है”
मामला सामने आते ही NSUI के प्रदेश नेतृत्व ने इसे राजनीतिक दबाव का उदाहरण बताया। प्रभारी प्रदेश महामंत्री ने कहा कि कर्मचारियों को कथित तौर पर गलत तरीके से हटाया गया था और कार्यकर्ताओं की मांग जायज थी। उनका आरोप है कि हाल के महीनों में संगठन के कई कार्यकर्ताओं पर बार-बार FIR दर्ज कर सरकार विपक्षी आवाज को कमजोर करने की कोशिश कर रही है।
आकाश पर पहले भी संगठनात्मक कार्रवाई
यह भी उल्लेखनीय है कि आकाश कनौजिया पर इससे पहले 2022 में NSUI ने संगठनात्मक अनुशासन भंग करने के आरोप में कार्रवाई (Bhilai College Controversy) की थी। हालांकि बाद में उन्हें पुनः बहाल कर दिया गया था। अब एक बार फिर उनका नाम गंभीर विवाद में आते ही राजनीतिक हलकों में चर्चा तेज हो गई है।
पुलिस ने जांच तेज की
पुलिस का कहना है कि घटनास्थल के वीडियो, स्टाफ के बयान और रिकॉर्ड के आधार पर सभी बिंदुओं की बारीकी से जांच होगी। कॉलेज परिसर की सुरक्षा और परीक्षा-संबंधी कार्यों में बाधा न आए, इसे प्राथमिकता मानते हुए अतिरिक्त सतर्कता भी बरती जा रही है।


