सीजी भास्कर, 27 मार्च। भिलाई नगर पालिक निगम में 801 करोड़ 78 लाख 45 हजार का बजट (bhilai nagar nigam budget 2025) हंगामे और शोर-शराबे के बीच आज पहले दिन की बजट बैठक में महापौर द्वारा पेश कर दिया गया है।
महापौर नीरज पाल (Mayor Neeraj Pal) ने बताया कि इस बजट में से 619 करोड़ 55 लाख 47 हजार शहर के विकास में खर्च किए जाएंगे।
आपको बता दें कि बजट के दौरान सत्ता, विपक्ष और निर्दलीय पार्षदों ने गलत तरीके से विकास कार्यों की स्वीकृति को लेकर बैठक में जमकर हंगामा किया। जबकि बताया गया कि बजट बैठक के पूर्व ही सभी से प्रस्ताव लिए गए थे फिर भी विकास कार्यों को लेकर हंगामा होता रहा। बजट के दौरान निर्दलीय पार्षद हरिओम तिवारी उनकी बात न सुने जाने पर नाराज होकर सदन से वॉकआउट कर लिया।
मॉडल टाउन इलाके के निर्दलीय पार्षद हरिओम तिवारी ने बाहर मीडिया से कहा कि सदन में किसी का पक्ष सुना ही नहीं जाता है। सभी अपनी मर्जी चलाते हैं। यह दुर्भाग्य की बात है कि उनका एक साथी उनके बीच नहीं रहा और सदन इतना भी भूल जाता है कि पहले उनको एक श्रृद्धांजलि दे दी जाए, उसके बाद सदन की कार्रवाई को शुरू करे। जब इस मामले पर जमकर हंगामा हुआ। उसके बाद सदन की कार्रवाई बीच में रोककर दिवंगत पार्षद योगेश साहू को श्रृद्धांजलि दी गई।
बजट अभिभाषण के बाद विशेष सभा में भी हंगामा शुरू हो गया। विपक्ष ने जहां निगम सरकार को घेरा वहीं सत्ता पक्ष के पार्षद लक्ष्मीपति राजू सभी प्रस्ताव को पास करने के लिए सभापति पर दबाव बनाते रहे। वार्ड-23 की कांग्रेस पार्षद नेहा साहू ने आरोप लगाया कि वार्ड-2 में 29 विकास कार्य स्वीकृति किए गए हैं जबकि उनके वार्ड में विकास कार्य नहीं स्वीकृत हुए।
अनुभवहीन हैं नेहा साहू – पार्षद वार्ड-2
इतना सुनते ही वार्ड-2 के पार्षद ने नेहा साहू को अनुभवहीन बता दिया। इसको लेकर भी जमकर हंगामा हुआ। पार्षद एक दूसरे पर और महापौर पर इतना आरोप लगाने लगे कि वो चुप होने का नाम ही नहीं ले रहे थे। कई पार्षद तो सभापति के करीब तक आ गए थे। जब हंगामे के चलते नीरज पाल अपनी बात नहीं रख पाए तो नाराज हो गए और बोलने से ही मना कर दिया। इसके बाद सभी पार्षदों को एक-एक कर अपनी बात रखने का निर्देश मिला। जिसके बाद नीरज पाल ने अपनी बात रखी।
दया सिंह ने अधिकारियों को दिया अल्टीमेटम
निगम के उप नेता प्रतिपक्ष दया सिंह ने अधिकारियों को दो टूक कहा कि अगर जनता के टैक्स से मिले एक रुपए का हिसाब-किताब इधर-उधर हुआ तो सोच लें। उनकी अगली पोस्टिंग जेल में होगी। सड़क, नाली और पानी जैसी जरूरी समस्याओं पर महापौर का ध्यान नहीं है। उन्हें नैतिकता के आधार पर इस्तीफा दे देना चाहिए। जनता त्रस्त हो चुकी है। निगम में कांग्रेस की शहर सरकार है। उनसे कामकाज संभाला नहीं जा रहा है।