प्रभुनाथ मिश्रा ने हवाला कारोबार की जताई थी आशंका
सीजी भास्कर, 03 मई। भिलाई ब्रांच में यस बैंक का फर्जी खाता खुलवाकर करोड़ों रुपए के लेनदेन के मामले में लंबे समय से फरार आरोपी अनिमेष सिंह ने न्यायालय में सरेंडर कर दिया है। उसे न्यायिक प्रक्रिया के बाद जेल भेजा गया।

आपको बता दें कि भिलाई के खुर्सीपार थाना में इस तरह के दो अलग अलग प्रकरण पर एफआईआर दर्ज कराई गई थी। पहले मामले में अनिमेष सिंह ने सिविल ठेकेदार हितेश चौबे के खिलाफ अपराध दर्ज कराया फिर हितेश चौबे ने काउंटर एफआईआर दर्ज करवाई थी थी।
अनिमेष सिंह द्वारा दर्ज कराई गई प्रथम सूचना रिपोर्ट को शासन द्वारा खत्म किए जाने न्यायालय को लिखा गया था जबकि हितेश चौबे के द्वारा दर्ज कराई गई एफआईआर पर अब तक जांच चल रही है।
एएसपी पद्मश्री तंवर ने बताया कि खुर्सीपार टीआई अंबर भरद्वाज ने इस मामले की जांच की थी। दो प्रकरणों में उच्च न्यायालय ने गिरफ्तारी का आदेश जारी किया था। न्यायालय ने राज्य सरकार को 2 महीने का समय दिया था कि वह अपनी जांच फिर से पूरी करे और न्यायालय को 21 अप्रैल तक संपूर्ण जानकारी प्रदान करे।
इससे पूर्व जनवरी में उच्च न्यायालय की डबल बेंच ने डीजीपी से व्यक्तिगत शपथ पत्र देकर संपूर्ण जानकारी प्रदान करने को कहा था। साथ ही यस बैंक को इस मामले में पक्षकार बनाकर यस बैंक में खोले गए अनिमेष सिंह के नाम के खाते से होने वाले समस्त लेन-देन की संपूर्ण जानकारी न्यायालय को बताए जाने की अपेक्षा की गई थी।
अनिमेष सिंह द्वारा प्रकरण में विधिवत जमानत ले लिए जाने के बावजूद प्रस्तुत किए गए शपथ पत्र में इस बात का उल्लेख नहीं किया गया। अपने आदेश में उच्च न्यायालय ने यह स्पष्ट कहा है कि सीबीआई से जांच के विकल्प खुले हुए हैं।
याचिकाकर्ता प्रभुनाथ मिश्रा द्वारा इस मामले में निष्पक्ष जांच की मांग की गई है। ऐसे में यदि शासन द्वारा उचित प्रकार से जांच कर कार्यवाही नहीं की गई तो न्यायालय के सामने सीबीआई से जांच और कार्यवाही का विकल्प खुला रहेगा।
याचिकाकर्ता प्रभुनाथ मिश्रा ने कहा कि निश्चित रूप से अनिमेष सिंह के नाम से खोले गए खाते में हवाला के माध्यम से पैसे का लेन-देन हुआ है जो कोर्ट द्वारा संज्ञान लेने बाद खुलकर सामने आएगा।