सीजी भास्कर, 11 अगस्त |
बिलासपुर/कोटा: पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बिलासपुर जिले के कोटा में आयोजित आदिवासी सम्मेलन में भाजपा सरकार और RSS पर जमकर हमला बोला। उन्होंने आरोप लगाया कि आदिवासी बहुल राज्य में आदिवासी मुख्यमंत्री होने के बावजूद विश्व आदिवासी दिवस पर राज्य सरकार की ओर से एक भी आधिकारिक कार्यक्रम नहीं किया गया।
“RSS के आदेश पर रुकाए गए कार्यक्रम” – बघेल
बघेल ने कहा, “सीएम विष्णुदेव साय ने आदिवासी दिवस मनाने के लिए प्रोटोकॉल जारी किया था, लेकिन संघ कार्यालय से आदेश आ गया कि आदिवासी दिवस नहीं मनाना है। नतीजतन, सरकार ने कहीं भी कार्यक्रम आयोजित नहीं किया।”
आदिवासियों के अधिकारों पर संकट
10 अगस्त को डीकेपी हाई स्कूल मैदान, कोटा में आयोजित विश्व आदिवासी दिवस कार्यक्रम में बघेल ने कहा, “आदिवासियों को मिले संवैधानिक अधिकारों का हनन हो रहा है। पेशा कानून का पालन नहीं हो रहा, वन अधिकार और पर्यावरण कानून की अनदेखी की जा रही है। आदिवासियों का रोजगार छीना जा रहा है और उनकी पहचान मिटाने की कोशिश की जा रही है।”
“बिजली बिल सांय-सांय बढ़ रहा, किसान परेशान”
पूर्व सीएम ने कहा कि प्रदेश में गरीब, किसान और आदिवासी सभी परेशान हैं। बिजली बिल लगातार बढ़ रहा है, खाद की कालाबाजारी हो रही है और भाजपा सरकार इस पर चुप है। बघेल के मुताबिक, “यह किसान-आदिवासियों की नहीं, व्यापारियों की सरकार है।”
कांग्रेस के समय था सार्वजनिक अवकाश
बघेल ने याद दिलाया कि 2019 में उनकी सरकार ने 9 अगस्त को विश्व आदिवासी दिवस पर सार्वजनिक अवकाश घोषित किया था और हर साल कार्यक्रम आयोजित किए जाते थे। लेकिन इस बार भाजपा सरकार ने न तो छुट्टी दी और न ही आयोजन किया।
गौठान योजना पर भी साधा निशाना
उन्होंने कहा कि 2 साल पहले जो गौठान योजना सुचारू रूप से चल रही थी, उसे बंद कर दिया गया और अब उसी को घटिया स्तर पर दोबारा शुरू किया जा रहा है।
सांस्कृतिक कार्यक्रमों से सजा सम्मेलन
कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ी लोक गीत, नृत्य और आदिवासी कला-संस्कृति की शानदार प्रस्तुतियां हुईं। मौके पर कोटा विधायक अटल श्रीवास्तव, पाली तानाखार विधायक तुलेश्वर मरकाम, विधायक दिलीप लहरिया, अकलतरा विधायक राघेंद्र सिंह समेत कांग्रेस पदाधिकारी और आदिवासी समाज के प्रतिनिधि मौजूद रहे।