सीजी भास्कर, 20 नवंबर। एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) ने राजधानी रायपुर में बड़ी कार्रवाई करते हुए मछली पालन विभाग के ज्वाइंट डायरेक्टर देव कुमार सिंह को एक लाख रुपये की रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया है। यह गिरफ्तारी इंद्रावती भवन में उनके दफ्तर से की गई। इसी के साथ ACB ने एक और कार्रवाई में पटवारी और RI को घूस लेते गिरफ्तार किया गया है।
आपको बता दें कि मछली पालन विभाग के ज्वाइंट डायरेक्टर देव कुमार सिंह 1 लाख रुपये की रिश्वत ले रहे थे, इसी दौरान एसीबी की टीम ने उन्हें रंगे हाथों पकड़ लिया। ज्वाइंट डायरेक्टर को इंद्रावती भवन की चौथी मंजिल से गिरफ्तार किया गया है। इस कार्रवाई में एसीबी की टीम में करीब 15 अधिकारी शामिल थे। जानकारी मिली है कि ज्वाइंट डायरेक्टर ने जांजगीर के सब-इंजीनियर से रिश्वत की मांग की थी। कुल दो लाख रुपये की रिश्वत में से एक लाख रुपये की पहली किश्त पहले ही ली जा चुकी थी और आज एक लाख रुपये की दूसरी किश्त लेते हुए अधिकारी को गिरफ्तार किया गया। इस कार्रवाई के बाद मंत्रालय में हड़कंप मच गया। बिलासपुर सरकंडा में रहने वाले प्रार्थी नरेन्द्र श्रीवास ने एंटी करप्शन ब्यूरो रायपुर में शिकायत की थी कि वह कार्यालय सहायक संचालक मछली पालन विभाग जांजगीर-चाम्पा में उप अभियंता के पद पर पदस्थ हैं। उनके लंबित विभागीय कार्य के लिए संयुक्त संचालक (मछली पालन) देव कुमार सिंह ने 2 लाख रुपये रिश्वत की मांग की है।
आज ही ACB ने एक और कार्रवाई में पटवारी और RI को घूस लेते गिरफ्तार किया गया है। कोरबा के पीड़ित संजय दिवाकर ने ACB बिलासपुर में शिकायत की थी कि उसके द्वारा ग्राम जमनीपाली में भूमि खरीदने के लिये भूमिस्वामी शत्रुघन राव से सौदा तय हुआ था। जिसकी रजिस्ट्री पूर्व सीमांकन के लिए उसने आवेदन किया। अगली कार्यवाही के लिए प्रार्थी ने राजस्व निरीक्षक जमनीपाली अश्वनी राठौर से मुलाकात की। राजस्व निरीक्षक ने संपूर्ण कार्यवाही के लिए 15 हजार रिश्वत की मांग की। राजस्व निरीक्षक ने पटवारी जमनीपाली धीरेन्द्र लाटा को पैसे देकर सीमांकन की अगली कार्यवाही करने के लिये कहा। शिकायत सत्यापन दौरान पटवारी धीरेन्द्र लाटा ने मोलभाव कर 13 हजार रुपये में सौदा तय कर प्रार्थी से 5 हजार रुपये ले लिये। सत्यापन के बाद आज ट्रेप आयोजित कर आरोपी पटवारी धीरेन्द्र लाटा और राजस्व निरीक्षक अश्वनी राठौर को 8 रूपये लेते रंगे हाथों पकड़ा गया।