सीजी भास्कर, 23 फरवरी। कल सोमवार से छत्तीसगढ़ विधानसभा का बजट सत्र प्रारंभ हो रहा है। इस बीच शुक्रवार को ही मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा कि छत्तीसगढ़ में स्वास्थ्य और शिक्षा के क्षेत्र में एनजीओ को जो विदेशी फंडिंग हो रही है, उसका बड़ा हिस्सा धर्मांतरण में लगाया जा रहा है।
पूर्व धर्मस्व मंत्री व सांसद रायपुर बृजमोहन अग्रवाल ने इस विषय पर “CG भास्कर” से कहा कि छत्तीसगढ़ में लगातार धर्मांतरण की घटनाएं हो रही हैं और उसके कारण कानून व्यवस्था की स्थिति उत्पन्न हो रही है। धर्मस्व मंत्री रहते हुए मैंने मुख्यमंत्रीजी की सहमति से धर्म स्वातंत्र्य विधेयक में संशोधन का प्रस्ताव, जिसमें कड़ी सजा का प्रावधान करने की बात थी, वह लाने का निर्णय किया था। परंतु लगातार चुनाव के कारण वह संशोधन विधेयक नहीं आ पाया है। मैंने मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय को पत्र लिखकर कहा है कि धर्म स्वातंत्र्य विधेयक में कड़े प्रावधान किए जाएं जिससे धर्मांतरण के कारण छत्तीसगढ़ की जो भौगोलिक स्थिति प्राकृतिक स्थिति और डेमोग्राफी चेंज हो रही है, विवाद उत्पन्न हो रहे हैं उसको रोकने के लिए धर्मांतरण के ऊपर में कड़ा कानून लाना चाहिए और छत्तीसगढ़ में एक नई बात सामने आ रही है कि इसके कारण हमारे वनवासी समुदायों में आपस में भी विवाद पैदा हो रहा है। कानून बनने से धर्मांतरण की घटनाओं पर रोक लगेगी और जो कानून व्यवस्था की स्थिति उत्पन्न हो रही है वह भी नहीं होगी। जो पशु क्रूरता अधिनियम है, इस अधिनियम में भी कड़े कानून बनाना चाहिए क्योंकि लगातार छत्तीसगढ़ से गायों की तस्करी हो रही है और उसके कारण भी विवाद की स्थिति पैदा हो रही है। पशुओं की तस्करी और गौ मांस के कारण व्यवस्था खराब हो रही है, जो अपराधी हैं चाहे वह धर्मांतरण करवाने वाले लोग हों या फिर पशु वध करने वाले, उनमें डर और भय पैदा हो इसके लिए मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर 24 फरवरी से विधानसभा बजट सत्र में दोनों विषयों को लेकर कड़ा कानून बनाने पहल का सुझाव दिया है।