रायपुर। छत्तीसगढ़ सरकार की चर्चित महतारी वंदन योजना अब सवालों के घेरे में आ गई है। योजना के क्रियान्वयन में भारी गड़बड़ी सामने आई है। प्रदेशभर में 40,200 से अधिक शासकीय कर्मचारियों और उनके परिजनों द्वारा योजना का गलत तरीके से लाभ उठाने की शिकायतें दर्ज की गई हैं। इन मामलों की जांच तेजी से जारी है।
रायपुर में 128 सरकारी कर्मचारी घेरे में
राजधानी रायपुर में 128 शासकीय कर्मचारियों और उनके परिजनों ने लगभग 17 महीनों तक योजना का लाभ लिया। इस मामले में महिला एवं बाल विकास विभाग ने लगभग 21 लाख रुपये की वसूली प्रक्रिया शुरू कर दी है। अब तक 4 लाख रुपये की राशि वसूल भी की जा चुकी है।
इन 128 लोगों में शामिल हैं:
- 42 महिला सरकारी कर्मचारी
- 78 पुरुष कर्मचारियों की पत्नियां
- 6 बेटियां
- 2 पेंशनधारी लाभार्थी
मृत खातों में भी भेजी गई राशि
जांच में यह चौंकाने वाला तथ्य भी सामने आया है कि योजना की राशि मृत महिलाओं के खातों में भी महीनों तक ट्रांसफर होती रही। करीब 2,000 ऐसे खातों की पहचान रायपुर में ही की गई है, जिनमें हितग्राही की मृत्यु के बाद भी पैसे आते रहे। परिजनों ने विभाग को इसकी सूचना नहीं दी, जिससे यह गड़बड़ी लंबे समय तक छुपी रही।
बिना जांच हुई स्वीकृति, भौतिक सत्यापन में खुलासा
मूल रूप से योजना का लाभ देने से पहले पात्रता की जांच की जानी चाहिए थी, लेकिन कई मामलों में जांच प्रक्रिया को नजरअंदाज कर दिया गया। आवेदन स्वीकृत होते गए और एक वर्ष से अधिक समय तक खातों में राशि जाती रही।
जब भौतिक सत्यापन शुरू हुआ, तब जाकर यह गड़बड़ी सामने आई और विभाग ने ऐसे खातों को सील कर रोक लगा दी।
विभागीय लापरवाही बनी वजह
विशेषज्ञों का कहना है कि यह पूरा मामला विभागीय लापरवाही और प्रशासनिक चूक का परिणाम है। अगर पात्रता की समुचित जांच और निगरानी की गई होती, तो इतनी बड़ी संख्या में फर्जी लाभार्थी योजना में शामिल नहीं हो पाते।
अब सख्त कार्रवाई की तैयारी
महिला एवं बाल विकास विभाग ने सभी जिलों को निर्देशित किया है कि फर्जी लाभार्थियों की सूची तैयार कर वसूली की जाए। साथ ही जिम्मेदार अधिकारियों और कर्मचारियों पर भी कार्रवाई की जाएगी।