सीजी भास्कर, 17 फरवरी। रविवार को जारी नयी नीति के अनुसार ‘लो अल्कोहलिक बेवरेज बार’ में केवल बीयर, वाइन और ‘रेडी-टू-ड्रिंक’जैसी ड्रिंक्स का सेवन किया जा सकेगा, जिसमें अल्कोहल की मात्रा 10 फीसदी वी/वी (वॉल्यूम ऑन वॉल्यूम) से कम होगी। इन बारों में शराब का सेवन पूरी तरह से बैन होगा।
आपको बता दें कि ये सभी नए नियम मध्य प्रदेश में लागू होने वाले हैं। अभी पूरे मध्य प्रदेश में लगभग साढ़े 4 सौ से अधिक बार हैं और आबकारी विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि इन नए बार के खुलने से इसकी कुल संख्या में तेजी से बढ़ोत्तरी होगी। सरकारी बयान में बोला गया है कि 1 अप्रैल से 19 स्थानों पर शराब की बिक्री बैन होने से शराब की कुल 47 दुकानें बंद हो जाएंगी।
प्रभावित क्षेत्र में उज्जैन, ओंकारेश्वर, महेश्वर, मंडलेश्वर, ओरछा, मैहर, चित्रकूट, दतिया, अमरकंटक और सलकनपुर समेत कुछ अन्य शहरों में शराब की बिक्री पर प्रतिबंध रहेगा। सीएम मोहन यादव ने 23 जनवरी को नयी आबकारी नीति को स्वीकृति मिलने के बाद शराब की बिक्री पर बैन लगाने की घोषणा की थी। शराब बैन करने की वजह से राज्य गवर्नमेंट को करीब 450 करोड़ रुपये की हानि होगी। हालांकि, जिन शहरों में शराब की बिक्री बंद होगी, वहां दूसरे शहरों से शराब लाकर पीने पर कोई रोक नहीं होगी। जहां दुकानें बंद होंगी, वहां शराब ले जाने और पीने पर प्रतिबंध लगाने के लिए बिहार मद्य निषेध अधिनियम 2016 जैसा कानून बनाने की आवश्यकता है। ऑफिसरों ने बताया कि बिहार के अतिरिक्त गुजरात में भी शराब बंदी कानून लागू है, जबकि मध्य प्रदेश में केवल आबकारी अधिनियम लागू है। सरकारी बयान में बोला गया है कि अगले वित्त वर्ष के लिए नयी आबकारी नीति के अनुसार शराब की दुकानों के रिन्यूअल फीस में 20 फीसदी की बढ़ोतरी की गई है।