सीजी भास्कर, 1 दिसंबर। बिहार विधानसभा के शीतकालीन सत्र के पहले ही दिन पटना में एक ऐसा नज़ारा देखने को मिला, जिसने सभी का ध्यान अपनी ओर खींच लिया (Bihar Assembly Session 2025)। जहां अधिकांश विधायक चमचमाती गाड़ियों और सुरक्षा काफिलों के साथ सदन पहुंचे, वहीं आरजेडी के नवनिर्वाचित विधायक अजय कुमार दांगी ने बिल्कुल अलग राह चुनी।
वे खुद ऑटो चलाकर विधानसभा पहुंचे। हालांकि सुरक्षा कारणों से विधानसभा परिसर के मुख्य द्वार पर उनके ऑटो को अंदर जाने की अनुमति नहीं दी गई, लेकिन दांगी का यह कदम प्रतीक बन गया, संघर्ष और सादगी का।
संघर्ष मेरी पहचान अजय दांगी
गया के टिकारी विधानसभा (232) से पहली बार विधायक बने अजय दांगी शपथ से पहले जब ऑटो चलाते हुए सदन पहुंचे, तो उनके चेहरे पर भावुकता साफ दिख रही थी। उन्होंने कहा कि ऑटो को अंदर आने देना चाहिए था। यह लोकतंत्र की आत्मा के खिलाफ है। मैंने 10 साल ऑटो चलाया है।
यहां तक पहुंचना सिर्फ मेरा सफर नहीं, लाखों संघर्षशील युवाओं की जीत है। संघर्ष मेरी पहचान है और मैं अपने पहले दिन कोई बनावटी छवि नहीं बनाना चाहता था। दांगी ने यह भी कहा कि वे सदन में ऑटो रिक्शा चालकों की समस्याएं प्रमुखता से उठाएंगे ।
दिल्ली से शुरू हुआ संघर्ष, पटना में मिली मंज़िल
अजय दांगी कभी दिल्ली की सड़कों पर ऑटो चलाकर अपना गुज़ारा करते थे। कठिन परिस्थितियों के बावजूद उन्होंने संघर्ष का रास्ता नहीं छोड़ा। बिहार लौटकर वे सामाजिक कार्यों में सक्रिय हुए और धीरे-धीरे लोगों के बीच उनकी पहचान मजबूत हुई।
फेसबुक पर उन्होंने लिखा कि कभी नहीं सोचा था कि दिल्ली में ऑटो चलाने वाला एक दिन उसी ऑटो में बैठकर विधानसभा पहुंचेगा। यह जीत सिर्फ मेरी नहीं, मेहनत और गरीबी से लड़ते हर युवक की जीत है। उन्होंने यह भी लिखा कि राष्ट्रीय जनता दल ने मुझे टिकट नहीं, बल्कि लोकतंत्र में गरीब की आवाज़ बनने का अवसर दिया है। मैं इस भरोसे को टूटने नहीं दूंगा।
(Bihar Assembly Session 2025) जनता को दिया धन्यवाद
अजय दांगी ने समर्थकों और मतदाताओं का आभार जताते हुए कहा कि आपने जिस आशीर्वाद से मुझे विधानसभा तक भेजा है, वही मेरी सबसे बड़ी ताकत है। आपकी समस्याएं अब मेरी जिम्मेदारी हैं। उन्होंने साफ कहा कि उनकी जीत न जाति पर आधारित है, न धर्म पर, बल्कि संघर्ष, भरोसे और सेवा की पहचान पर।
