सीजी भास्कर, 22 सितंबर। बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक सरगर्मी तेज हो गई है। ( Bihar Election News) चुनाव की तैयारियों को अंतिम रूप देने के लिए मुख्य निर्वाचन आयुक्त ज्ञानेश कुमार 30 सितंबर के बाद बिहार का दौरा कर सकते हैं। इस दौरान उनके साथ सभी चुनाव आयुक्त भी पटना पहुंचेंगे और राज्य में चुनावी तैयारियों का जायजा लेंगे। इस दौरे के तुरंत बाद, कभी भी विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान हो सकता है।
चुनाव आयोग की योजना के अनुसार, 30 सितंबर को अंतिम मतदाता सूची ( Bihar Assembly Polls) जारी की जाएगी, जिसके बाद ही चुनाव की तारीखें घोषित की जाएंगी। जानकारी के मुताबिक, इस बार चुनाव दुर्गा पूजा और दीपावली के बीच कराए जा सकते हैं, यानी 2 अक्टूबर से 29 अक्टूबर के बीच वोटिंग हो सकती है। आयोग ने यह भी साफ कर दिया है कि बिहार में चुनाव प्रक्रिया 22 नवंबर की तय समय-सीमा से पहले पूरी कर ली जाएगी। इस बार चुनाव दो से तीन चरणों में होने की संभावना है।
( Bihar Election News) फिलहाल कैसा है समीकरण
बिहार विधानसभा में कुल 243 सीटें हैं। 2020 के चुनाव में एनडीए ने बहुमत हासिल किया था, लेकिन इस बार सियासी समीकरण बदल गए हैं। मौजूदा समय में एनडीए के पास 132 सीटें हैं, जिनमें बीजेपी (78), जेडीयू (45), एचएएम(एस) (4) और अन्य शामिल हैं। वहीं, महागठबंधन के पास 110 सीटें हैं, जिसमें आरजेडी (75), कांग्रेस (19) और वाम दल (16) प्रमुख हैं। इन आंकड़ों से साफ है कि एनडीए फिलहाल बहुमत में है, लेकिन 2020 के मुकाबले उसकी सीटें कम हुई हैं, जिससे मुकाबला और भी रोचक होने की उम्मीद है।
सत्ताधारी NDA और महागठबंधन में सरगर्मी तेज
विधानसभा चुनाव ( Bihar Election News) को लेकर प्रदेश में राजनीतिक दलों ने अपनी तैयारियां तेज कर दी हैं। सत्ताधारी एनडीए और विपक्षी महागठबंधन दोनों ही अपनी-अपनी जीत की रणनीति बनाने में जुटे हैं। पटना से लेकर दिल्ली तक लगातार बैठकें हो रही हैं और प्रत्याशी चयन को लेकर चर्चाएं शुरू हो गई हैं। दोनों ही खेमे अपनी-अपनी कमजोरियों को दूर कर एक-दूसरे को कड़ी टक्कर देने के लिए तैयार हैं, जिससे इस बार बिहार का चुनावी मुकाबला बेहद दिलचस्प होने की उम्मीद की जा रही है।
विशेषज्ञों का मानना है कि इस बार चुनावी मैदान में मुद्दों की बहस और भी गर्म होगी। जातीय समीकरणों से लेकर रोजगार और विकास तक, सभी पहलुओं पर पार्टियां जोर आज़मा रही हैं। यही कारण है कि दुर्गा पूजा और दिवाली के बीच होने वाला यह चुनाव नतीजों के लिहाज से बेहद अहम साबित हो सकता है।