सीजी भास्कर, 26 नवंबर। दिल्ली में आयोजित (Bihar Election Thanks Dinner) बुधवार रात सुर्खियों में रहा, जहां सफल चुनावी समन्वय करने वाले चुनिंदा नेताओं को विशेष तौर पर बुलाया गया। इन्हीं आमंत्रित मेहमानों में वैशाली नगर के विधायक रिकेश सेन (MLA Rikesh Sen) भी शामिल हुए।
बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा की ओर से रखे गए इस डिनर में गृह मंत्री अमित शाह की उपस्थिति ने कार्यक्रम को और खास बना दिया।

बिहार में मिली जीत के पीछे मेहनत करने वाले नेताओं को नड्डा का आभार : Bihar Election Thanks Dinner
हाल ही में संपन्न हुए बिहार विधानसभा चुनाव में पार्टी ने मजबूत प्रदर्शन किया। इसी जीत के बाद दिल्ली में आयोजित इस कार्यक्रम में उन सभी नेताओं को आमंत्रित किया गया, जिनकी चुनाव अवधि में ज़िम्मेदारियां तय की गई थीं।
बताया जा रहा है कि नड्डा ने चुनावी ज़िम्मेदारी निभाने वाले नेताओं की मेहनत को सराहते हुए (Thanks Dinner Event) के माध्यम से व्यक्तिगत रूप से आभार जताया।

अमित शाह की मौजूदगी, भविष्य की रणनीतियों पर हल्की बातचीत
कार्यक्रम के दौरान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह भी मौजूद रहे। माहौल अनौपचारिक था, लेकिन आने वाले महीनों में जिन राज्यों में चुनाव होने हैं, उनकी तैयारियों पर हल्की–फुल्की बातचीत होती रही।
शाह और नड्डा दोनों ने ही उन नेताओं से फीडबैक लिया, जो पिछले महीने भर बिहार में ग्राउंड पर काम कर रहे थे। यह भी माना जा रहा है कि (Bihar Election Thanks Dinner) में साझा हुए अनुभव आगे की रणनीति का आधार बन सकते हैं।

Bihar Election Thanks Dinner: कई राज्यों से पहुंचे नेता, बिहार मॉडल अब अन्य राज्यों में आज़माया जाएगा
डिनर में देश के अलग–अलग राज्यों—दिल्ली, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, मध्य प्रदेश, झारखंड, महाराष्ट्र, गुजरात और राजस्थान—से वे नेता पहुंचे जिन्हें बिहार चुनाव में विशेष दायित्व दिया गया था। इन नेताओं ने बिहार में स्थानीय मुद्दों को समझकर, संगठन को मजबूत करते हुए और जनसम्पर्क में समन्वय बनाकर माहौल तैयार किया था। डिनर में मिले अनुभवों से यह संकेत भी मिला कि पार्टी आने वाले चुनावों में इसी ‘बिहार मॉडल’ को आधार बना सकती है।

Bihar Election Thanks Dinner: रिकेश सेन ने साझा किए मैदान के अनुभव, कहा—टीमवर्क से मिली जीत
कार्यक्रम के दौरान विधायक रिकेश सेन ने भी चुनाव मैदान में बिताए दिनों के अनुभव साझा किए।

उन्होंने बताया कि समन्वित टीमवर्क, ज़मीन से जुड़ा संवाद और स्थानीय मुद्दों की समझ ने बिहार में बेहतर परिणाम दिए। डिनर का यह अनौपचारिक वातावरण कई नेताओं के लिए एक–दूसरे से सीखने का अवसर भी बना।
