सीजी भास्कर, 16 जुलाई। आगामी विधानसभा चुनाव से पहले मतदाता सूची पुनरीक्षण को लेकर सियासी गर्मी बिहार में चरम पर है। एक ओर जहां विपक्ष लगातार फर्जी नाम हटाने और असली वोटर के नाम काटने के आरोप लगा रहा है, वहीं अब चुनाव आयोग ने बड़ा फैसला लेते हुए मतदाताओं को राहत दी है।
आयोग ने स्पष्ट किया है कि अब किसी भी मतदाता का नाम बिना नोटिस और दस्तावेज सत्यापन के नहीं हटाया जाएगा। साथ ही BLO (बूथ लेवल ऑफिसर) की लापरवाही को लेकर भी सख्ती दिखाई जा रही है।
अब मतदाता सूची से नाम हटाने से पहले मिलेगा नोटिस
चुनाव आयोग ने बताया कि 1 अगस्त 2025 को जो प्रारूप प्रकाशित होगा, उसमें किसी भी मतदाता का नाम बिना पूर्व सूचना के नहीं हटाया जाएगा।
पहले नोटिस भेजा जाएगा
मतदाता को दस्तावेज जमा करने का अवसर मिलेगा
गणना प्रपत्र (enumeration form) भरने वाले सभी मतदाता प्रारूप सूची में शामिल रहेंगे
इससे पहले कई क्षेत्रों से शिकायतें मिली थीं कि लोगों के नाम बिना जानकारी के मतदाता सूची से हटा दिए गए हैं।
BLO पर लापरवाही के आरोप, कई पर हुई कार्रवाई
BLO (बूथ लेवल ऑफिसर) की कार्यशैली पर सवाल उठते रहे हैं।
कई BLO घर-घर जाकर सत्यापन नहीं कर रहे। स्वयं फॉर्म भर रहे, और सिर्फ अंगूठा लगवाकर या मोबाइल पर दस्तावेज देखकर पुष्टि कर रहे हैं।
अब तक 100 से अधिक BLO पर कार्रवाई हो चुकी है। अकेले पटना के पालीगंज विधानसभा क्षेत्र में 35 BLO को सस्पेंड किया गया है।
सीमावर्ती क्षेत्रों में मिले फर्जी नाम, बांग्लादेश-नेपाल के नागरिकों के शामिल होने का खुलासा
पुनरीक्षण के दौरान एक चौंकाने वाला खुलासा हुआ है — बिहार के सीमावर्ती जिलों में बांग्लादेश और नेपाल के नागरिकों के नाम भी मतदाता सूची में शामिल पाए गए हैं।
इससे सियासी पारा चढ़ गया है और चुनाव आयोग ने सख्त जांच के आदेश दे दिए हैं। आयोग ने साफ किया है कि:
“फर्जी नामों को हटाया जाएगा, दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा।”
31 जुलाई तक नामांकन और सुधार की अंतिम तिथि
चुनाव आयोग ने मतदाताओं से अपील की है कि
31 जुलाई 2025 तक वे अपनी वोटर लिस्ट की जांच और सुधार कार्य पूरा करवा लें।
नाम नहीं है? फॉर्म-6 भरें
कोई गलती है? फॉर्म-8 भरें
मृत/दोहरे नाम हटवाने के लिए फॉर्म-7 भरें