सीजी भास्कर, 07 अक्टूबर | बिलासपुर (Bilaspur Accident Case) में सोमवार देर शाम हुए दर्दनाक सड़क हादसे ने पूरे इलाके को दहला दिया। ग्राम गतौरा का रहने वाला खिलेश चंद्राकर (19) रिश्तेदार के दशगात्र कार्यक्रम से लौट रहा था। बाइक पर लौटते समय वह रास्ता भटक गया और सीपत थाना क्षेत्र के नवाडीह चौक पहुंच गया। इसी दौरान सामने से आ रहे तेज रफ्तार कोयला लोड ट्रेलर ने उसकी बाइक को टक्कर मार दी। हादसा इतना भीषण था कि युवक ट्रेलर के पहिए के नीचे आ गया और मौके पर ही उसकी मौत हो गई।
हादसे के बाद सड़क पर गुस्सा और चक्काजाम
स्थानीय लोगों और परिजनों ने हादसे (Bilaspur Accident Case) की जानकारी मिलते ही नवाडीह चौक पर विरोध जताना शुरू कर दिया। आक्रोशित भीड़ ने मृतक के परिवार को मुआवजा दिलाने की मांग को लेकर सड़क पर मोटरसाइकिल खड़ी कर दी। देखते ही देखते बलौदा से बिलासपुर मार्ग पर वाहनों की लंबी कतारें लग गईं और देर रात तक चक्काजाम चलता रहा। पुलिस अधिकारियों ने मौके पर पहुंचकर भीड़ को शांत कराने की कोशिश की, लेकिन लोग मुआवजे पर अड़े रहे।
पुलिस और जनप्रतिनिधियों ने दिलाया आश्वासन
स्थिति बिगड़ते देख सीपत थाना प्रभारी और आसपास के थानों के अधिकारी मौके पर पहुंचे। वहीं मस्तूरी विधायक के बेटे अरविंद लहरिया भी घटनास्थल पर पहुंचे और परिवार को न्याय दिलाने की बात कही। पुलिस ने स्पष्ट किया कि मुआवजा तय करना राजस्व विभाग का काम है। अफसरों ने भरोसा दिलाया कि मंगलवार को राजस्व अधिकारियों से बातचीत होगी और पीड़ित परिवार को सहायता दी जाएगी। देर रात करीब एक बजे समझाइश के बाद चक्काजाम खत्म हुआ।
पिता को खोने के बाद मामा ने किया था पालन-पोषण
खिलेश चंद्राकर (Bilaspur Accident Case) की कहानी बेहद भावुक करने वाली है। साल 2020 में कोविड संक्रमण के दौरान उसके पिता संतराम चंद्राकर की मौत हो गई थी। इसके बाद से खिलेश का पालन-पोषण उसके मामा नीरज चंद्राकर ने किया। मिशन स्कूल, भनेश्वर में कक्षा 12वीं का छात्र खिलेश परिवार का इकलौता बेटा था। उसकी मौत की खबर से घर में मातम छा गया है। मां और परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है।
स्थानीय लोगों ने सड़क सुरक्षा पर उठाए सवाल
इस हादसे के बाद लोगों ने सड़क सुरक्षा (Road Safety in Bilaspur) और भारी वाहनों की लापरवाह ड्राइविंग पर सवाल उठाए हैं। ग्रामीणों का कहना है कि इस मार्ग पर आए दिन तेज रफ्तार वाहनों की वजह से हादसे होते रहते हैं। ऐसे में ट्रैफिक व्यवस्था को दुरुस्त करना बेहद जरूरी है।