सीजी भास्कर, 21 मई। महिला आयोग में बिलासपुर जेल प्रहरी के खिलाफ विवाह का झांसा देकर दैहिक शोषण करने एवं बेटी पैदा होने पर छोड़ देने व मारपीट करने तथा दूसरी महिला से अनैतिक संबंध बनाये जाने संबंधित शिकायत पर महिला आयोग की कार्रवाई बाद बिलासपुर जेल प्रहरी को निलंबित कर दिया गया है।
मामले की सुनवाई के दौरान आवेदिका ने बताया कि अनावेदक बिलासपुर केन्द्रीय जेल में जेल प्रहरी के पद पर पदस्थ है, जिसके साथ आवेदिका ने आर्य समाज के मंदिर में विवाह किया था। विवाह के उपरांत दोनो की एक बच्ची भी है परंतु अनावेदक अपनी पत्नि और मासूम बच्ची को छोड़ दिया था और न ही पालन-पोषण करता था।
आवेदिका ने आगे बताया कि अनावेदक किसी अन्य महिला से अवैध संबंध रखा है, जिस पर आयोग ने दूसरी लड़की को नोटिस भेजकर सुनवाई के दौरान समझाईश देते हुए सुधरने हेतु नारी निकेतन भी भेजा था।
दूसरी लड़की और उसके पिता द्वारा आयोग में यह शपथ पत्र दिया गया था कि अनावेदक और आवेदिका के वैवाहिक जीवन में वह दुबारा हस्तक्षेप नहीं करेंगी। इस शपथ पत्र के आशय से नारी निकेतन से छुटने के उपरांत दुबारा दूसरी लड़की को अनावेदक अपने पास रख लिया और अपनी पत्नि और बच्ची की देखभाल नहीं करता था, और ना ही भरण-पोषण देता था।

आवेदिका द्वारा पुनः इसकी जानकारी देने के उपरांत महिला आयोग अध्यक्ष डॉ. किरणमयी नायक ने जिला बिलासपुर कारावास प्रभारी को अनावेदक जेल प्रहरी के निलंबन का अनुशंसा पत्र भेजा था, जिस पर जिला बिलासपुर कारावास प्रभारी द्वारा महिला आयोग के अनुशंसा के आधार पर जेल प्रहरी को तत्काल प्रभाव से निलंबित किया गया है।