सीजी भास्कर, 8 नवंबर। मंगलवार को हुई मेमू और मालगाड़ी की भीषण टक्कर के मामले में जांच (Bilaspur Train Accident Investigation) का दायरा अब और गहराता जा रहा है। कोलकाता से पहुंचे रेलवे सेफ्टी कमिश्नर (CRS) बी.के. मिश्रा ने दूसरे दिन भी बंद कमरे में 22 कर्मचारियों के बयान दर्ज किए। गुरुवार को सात लोगों के बयान दर्ज किए गए थे। कुल 29 कर्मचारियों से पूछताछ की जानी है।
तीन दिवसीय जांच दौरे पर पहुंचे सेफ्टी कमिश्नर
इस दुर्घटना की जांच की जिम्मेदारी रेलवे बोर्ड ने सेफ्टी कमिश्नर बी.के. मिश्रा को सौंपी है। वे तीन दिवसीय दौरे पर बिलासपुर पहुंचे हैं और घटना की बारीकी से जांच कर रहे हैं। पहले दिन केवल सात कर्मचारियों (Bilaspur Train Accident Investigation) के बयान दर्ज हो सके थे।
बचे हुए कर्मचारियों को शुक्रवार सुबह आठ बजे डीआरएम कार्यालय में उपस्थित होने के निर्देश दिए गए थे। सुबह नौ बजे से सीआरएस जांच टीम ने बयान लेना शुरू किया। कर्मचारियों को उनके विभाग और जिम्मेदारी के आधार पर अलग-अलग सवाल पूछे गए।
मैकेनिकल विभाग से की गई गहन पूछताछ
सिग्नल विभाग के कर्मचारियों से पूछा गया कि घटना के वक्त मेमू ट्रेन के गुजरने के समय सिग्नल की स्थिति क्या थी। वहीं मैकेनिकल विभाग के कर्मचारियों से मेमू ट्रेन के परीक्षण और तकनीकी उपकरणों से संबंधित जानकारी मांगी गई। पूछताछ का यह सिलसिला रात आठ बजे तक जारी रहा। कर्मचारियों द्वारा दिए गए प्रत्येक बयान को जांच टीम के एक सदस्य ने बाकायदा रजिस्टर में अंकित किया। सभी 29 कर्मचारियों के बयान रिपोर्ट के साथ रेलवे बोर्ड को भेजे जाएंगे।
रिपोर्ट 15 दिनों में आने की संभावना
सामान्य परिस्थितियों में सीआरएस रिपोर्ट आने में एक से डेढ़ महीने का समय लगता है। लेकिन, मामले की गंभीरता को देखते हुए उम्मीद की जा रही है कि 15 दिनों के भीतर रिपोर्ट तैयार हो जाएगी। इस रिपोर्ट से यह स्पष्ट (Bilaspur Train Accident Investigation) होगा कि दुर्घटना का असली कारण क्या था और किन कर्मचारियों की लापरवाही सामने आती है। ज्ञात हो कि इस रेल हादसे में लोको पायलट समेत 11 यात्रियों की मौत हो चुकी है, जबकि कई घायल हुए थे।
सहायक चालक का नहीं हो सका बयान
बयान के लिए बुलाए गए रेल कर्मचारियों में मेमू ट्रेन की घायल सहायक चालक रश्मि राज भी शामिल थीं। हालांकि, वह फिलहाल अपोलो अस्पताल में भर्ती हैं। टीम ने उनका बयान लेने का प्रयास किया, लेकिन जब उनके स्वास्थ्य की गंभीर स्थिति का पता चला, तो बयान को बाद की तारीख के लिए स्थगित कर दिया गया। सहायक चालक की हालत अभी भी नाज़ुक बताई जा रही है। उनके हाथ, पैर, सिर और पसलियों में गंभीर चोटें आई हैं और वह फिलहाल कुछ भी बोलने की स्थिति में नहीं हैं।
