सीजी भास्कर, 03 नवंबर | खाना नहीं बनाने पर भड़का पति (Bilaspur Wife Murder Case)
Bilaspur Wife Murder Case : छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले से एक दिल दहला देने वाली वारदात सामने आई है। यहां तखतपुर थाना क्षेत्र के जूनापारा चौकी अंतर्गत ग्राम तेंदुआ में एक पति ने सिर्फ इसलिए पत्नी की जान ले ली क्योंकि उसने देर रात खाना नहीं बनाया था।
मिथुन मेहर (40), जो किसान है, अपनी पत्नी सीमा मेहर (30) के साथ Gaura-Gauri Puja (Domestic Violence Incident) देखने गया था। घर लौटने पर खाना न मिलने से गुस्से में उसने पहले मारपीट की और फिर गला घोंटकर हत्या कर दी।
गौरा-गौरी पूजा से लौटने के बाद हुआ विवाद
पूजा से लौटने के बाद पति-पत्नी में खाना बनाने को लेकर झगड़ा शुरू हुआ। पत्नी ने कहा कि वह पूजा में जाने के कारण खाना नहीं बना पाई थी, लेकिन तुरंत बना देगी।
मगर मिथुन ने बात नहीं मानी और गुस्से में नियंत्रण खो दिया। विवाद इतना बढ़ा कि उसने पत्नी को बेरहमी से पीटा और फिर गला घोंट दिया। हत्या के बाद आरोपी कुछ देर शव के पास बैठा रहा और खुद को संभालने की कोशिश करता रहा।
पड़ोसियों को दिया झूठा बयान
घटना के बाद आरोपी ने पड़ोसियों से कहा कि उसकी पत्नी गिर गई थी और गिरने से ही उसकी मौत हो गई। उसने पुलिस को भी यही कहानी बताई। गांव में यह बात फैलने पर आसपास के लोग मौके पर पहुंचे और सूचना पुलिस को दी। रविवार सुबह यह मामला उजागर हुआ।
गले में मिले चोट के निशान
जब पुलिस मौके पर पहुंची और शव का निरीक्षण किया, तो महिला के गले पर गहरे चोट के निशान दिखे। इसी से पुलिस को शक हुआ कि मामला Accidental Death (Crime in Bilaspur) का नहीं बल्कि हत्या का है।
पुलिस ने तत्काल शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा और मिथुन से पूछताछ शुरू की। शुरू में वह गोलमोल जवाब देता रहा, लेकिन बाद में पुलिस की सख्ती के आगे टूट गया।
कबूला जुर्म, हत्या का केस दर्ज
पूछताछ में मिथुन ने स्वीकार किया कि उसने गुस्से में पत्नी का गला घोंट दिया था। उसने यह भी बताया कि हत्या के बाद डर के कारण उसने झूठी कहानी गढ़ी।
पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर IPC की धारा 302 (Murder Case in Bilaspur) के तहत केस दर्ज किया। जूनापारा चौकी प्रभारी एसआई संजीव सिंह ने बताया कि आरोपी के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज कर कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उसे न्यायिक रिमांड पर जेल भेज दिया गया।
पारिवारिक विवादों में बढ़ती हिंसा पर चिंता
यह मामला सिर्फ एक हत्या नहीं, बल्कि ग्रामीण समाज में बढ़ती घरेलू हिंसा की भयावह तस्वीर भी दिखाता है। मामूली बहसें जानलेवा बन रही हैं। सामाजिक विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसी घटनाओं पर रोक तभी लग सकती है जब लोगों में धैर्य और संवाद की भावना को बढ़ावा दिया जाए।
