बिहार विधानसभा चुनाव (BJP Bihar candidate selection) को लेकर बीजेपी में इस बार टिकट वितरण को लेकर बड़ा बदलाव देखने को मिल सकता है। पार्टी सूत्रों का कहना है कि लगभग 30% सीटों पर नए चेहरों को उतारने की तैयारी है। यानी करीब 15 से 20 मौजूदा विधायकों का टिकट कट सकता है। इसके अलावा, पिछले चुनाव में हार चुके कई पुराने प्रत्याशी भी इस बार मैदान से बाहर रहेंगे।
क्यों बदले जाएंगे उम्मीदवार?
सूत्र बताते हैं कि पार्टी ने टिकट तय करने के लिए कुछ मानक बनाए हैं — उम्र (Age Criteria), सक्रियता (Active Performance) और पिछले चुनाव का नतीजा (Past Result Analysis)। खासकर, जिन विधायकों की उम्र 70 से ऊपर है या जिन सीटों पर जीत-हार का अंतर बहुत कम था, उन पर बदलाव की संभावना अधिक है। यही नहीं, जिन उम्मीदवारों को पिछली बार 10-12 हजार वोटों से हार मिली थी, उन्हें दोबारा मौका मिलने की संभावना बेहद कम है।
सीट दर सीट पड़ताल जारी
बीजेपी (BJP Bihar candidate selection) हर विधानसभा सीट की गहन जांच कर रही है। प्रत्येक सीट से 4-5 संभावित नाम संगठन के पास मंगाए गए हैं। इनमें से 2-3 नामों को राज्य स्तरीय चुनाव समिति छांटकर केंद्रीय चुनाव समिति को भेजेगी। पार्टी इस बार जिलाध्यक्षों के फीडबैक, संगठन की सर्वे रिपोर्ट और पिछले चुनावों के डेटा को भी गंभीरता से देख रही है।
एंटी-इंकम्बेंसी को तोड़ने की रणनीति
बीजेपी का सबसे बड़ा फोकस (BJP Bihar candidate selection) इस बार एंटी-इंकम्बेंसी को काटना है। पार्टी के जानकार मानते हैं कि चुनाव में जीत का रास्ता नए और साफ-सुथरे चेहरों से होकर गुजरता है। इसी वजह से युवा और समाज में सक्रिय नए नेताओं को टिकट देने पर जोर रहेगा। पार्टी की सोच साफ है – “जिताऊ उम्मीदवार ही प्राथमिकता होंगे।”
अमित शाह की महत्वपूर्ण बैठकें
चुनाव को लेकर संगठन ने बिहार को पांच जोनों में बांटा है। गृहमंत्री अमित शाह (BJP Bihar candidate selection) 18 और 27 सितंबर को पटना में होने वाली बैठकों में इन पर चर्चा करेंगे। माना जा रहा है कि इन बैठकों में जोनवार सीटों की समीक्षा होगी और संभावित उम्मीदवारों की सूची पर अंतिम राय बनाई जाएगी। पार्टी की रणनीति यही है कि टिकट ऐसे नेताओं को मिले, जिनकी जमीनी पकड़ मजबूत हो और संगठन को फायदा पहुंचे।