सीजी भास्कर, 22 अगस्त।
लखनऊ, 22 अगस्त:
चौधरी चरण सिंह अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर गुरुवार सुबह इमीग्रेशन अधिकारियों ने एक बड़ी सफलता हासिल की। यहां एक ब्लैकलिस्टेड थाई नागरिक को हिरासत में लिया गया, जो फर्जी पासपोर्ट के सहारे बैंकॉक जाने की कोशिश कर रही थी। पकड़ी गई महिला की पहचान थोंगफुन चायफा उर्फ दरिन चोकथनपट के रूप में हुई है।
जांच में पकड़ा गया फर्जीवाड़ा
सुरक्षा जांच के दौरान महिला के दस्तावेज संदिग्ध पाए गए। तलाशी लेने पर अधिकारियों को उसके पास से 3 फर्जी पासपोर्ट, 2 थाई आईडी कार्ड, बोर्डिंग पास और दो मोबाइल फोन मिले।
अधिकारियों ने बताया कि यह वही महिला है जिसे मार्च 2025 में भारत से एग्जिट परमिट पर बाहर भेजा गया था, क्योंकि वीज़ा उल्लंघन के चलते सरकार ने उसे ब्लैकलिस्ट कर दिया था। इसके बावजूद, वह 31 जुलाई 2025 को रक्सौल बॉर्डर से नेपाल के रास्ते अवैध रूप से भारत में दाखिल हुई।
लखनऊ के जसविंदर सिंह ने बनाई मददगार
पूछताछ में महिला ने खुलासा किया कि लखनऊ निवासी जसविंदर सिंह, अपने साथियों नवेंदु मित्तल और शुवेंदु निगम के साथ मिलकर उसे फर्जी पासपोर्ट दिलवाने में मदद करता रहा। इतना ही नहीं, पासपोर्ट में न सिर्फ उसका नाम बल्कि माता-पिता का नाम भी बदला गया।
फर्जी पहचान के सहारे महिला पिछले कई दिनों से लखनऊ स्थित जसविंदर सिंह के घर में रह रही थी।
पहले भी पुलिस की गिरफ्त में आ चुकी थी
चौंकाने वाली बात यह है कि 13 अगस्त को इंटेलिजेंस एजेंसियों और एफआरओ लखनऊ को महिला की गतिविधियों की जानकारी मिल चुकी थी। उस दौरान पुलिस ने महिला और जसविंदर सिंह को हिरासत में लिया था, लेकिन केस दर्ज न करके उन्हें छोड़ दिया गया। अब यही लापरवाही सवालों के घेरे में है।
अधिकारियों की कड़ी कार्रवाई
इमीग्रेशन विभाग ने महिला की गिरफ्तारी के बाद उसके नेटवर्क की जांच शुरू कर दी है। माना जा रहा है कि यह फर्जी पासपोर्ट और मानव तस्करी से जुड़ा बड़ा रैकेट हो सकता है। जसविंदर सिंह और उसके साथियों की भूमिका भी अब जांच के दायरे में है।