पहले चरण में हजारों जरूरतमंदों तक पहुंची राहत : Blanket Bank Initiative in Vaishali Nagar
सीजी भास्कर, 18 दिसंबर। Blanket Bank Initiative in Vaishali Nagar : गुरू घासीदास जयंती के अवसर पर वैशाली नगर विधानसभा क्षेत्र में सर्दी से राहत देने की एक नई पहल की शुरुआत हुई। विधायक रिकेश सेन ने शांति नगर जीरो रोड भिलाई स्थित अपने कार्यालय में “कंबल बैंक” का शुभारंभ किया।

इस पहल का उद्देश्य उन लोगों तक कंबल पहुंचाना है, जो ठंड के मौसम में सड़कों, स्टेशनों और खुले स्थानों पर जीवन गुजारने को मजबूर हैं।

क्यों जरूरी था कंबल बैंक : Blanket Bank Initiative in Vaishali Nagar
विधायक रिकेश सेन ने कहा कि अक्सर देखा गया है कि जब कंबल या गर्म कपड़े बांटने के लिए टीमें निकलती हैं, तब वास्तविक जरूरतमंद उस स्थान पर मौजूद नहीं होते।

इसी समस्या को ध्यान में रखते हुए कार्यालय आधारित कंबल बैंक की अवधारणा शुरू की गई, ताकि जरूरतमंद स्वयं पहुंचकर सम्मानपूर्वक सहायता प्राप्त कर सके।

‘मनखे-मनखे एक समान’ की भावना से प्रेरित पहल
गुरू घासीदास जी के संदेश “मनखे-मनखे एक समान” को आत्मसात करते हुए यह प्रयास किया गया है कि समाज के सबसे कमजोर वर्ग को ठंड से सुरक्षा दी जा सके। जिन लोगों के पास न तो गर्म कपड़े हैं, न ही आर्थिक या पारिवारिक सहारा—उनके लिए यह कंबल बैंक न सिर्फ शारीरिक गर्माहट, बल्कि मानवीय संवेदना का भी माध्यम बनेगा।

स्वास्थ्य सुरक्षा का भी माध्यम : Blanket Bank Initiative in Vaishali Nagar
सर्द मौसम में कंबल केवल सुविधा नहीं, बल्कि सुरक्षा भी है। विशेषज्ञों के अनुसार ठंड में हाइपोथर्मिया और शीतदंश जैसी गंभीर समस्याओं का खतरा बढ़ जाता है। ऐसे में कंबल बैंक से वितरित कंबल जरूरतमंदों को इन बीमारियों से बचाने में मदद करेंगे।

पहले ही दिन हुआ व्यापक वितरण
विधायक कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार, पहले चरण में कंबल बैंक के लिए 5 हजार कंबलों की व्यवस्था की गई थी। उद्घाटन के बाद ही पहले ही दिन करीब डेढ़ हजार कंबल जरूरतमंदों को वितरित किए जा चुके हैं। आने वाले दिनों में इस संख्या को और बढ़ाने की योजना है।

जरूरतमंद सीधे कार्यालय से ले सकेंगे सहायता
कंबल बैंक की सबसे खास बात यह है कि जरूरतमंद लोग बिना किसी औपचारिकता के विधायक कार्यालय पहुंचकर कंबल प्राप्त कर सकते हैं। यह पहल सर्दियों के पूरे मौसम में लगातार जारी रहेगी, ताकि कोई भी व्यक्ति ठंड की मार से असहाय न रहे।


