सीजी भास्कर, 1 दिसंबर। चुनाव आयोग लगातार मेहनत में लगा हुआ है। इस मेहनत में जो सबसे ज्यादा साथ देने वाला बीएलओ (BLO Salary) ही होता है। बीएलओ वोटरों की पहचान करने के साथ-साथ पूरे लोकतंत्र की आधारशिला भी बन जाता है। स्पेशल इंटेंसिव रिपोर्ट यानि एसआईआर के दौर में बीएलओ पर ही सबसे ज्यादा जिम्मेदारी आती है।
काम के दबाव के चलते लाखों वोटर्स की लिस्ट और सरकारी नियमों का भी खास ख्याल रखना होता है। इसी बीच सभी के मन में एक सवाल जरूर आता होगा कि बीएलओ को कितना वेतन मिलता है। साथ ही क्या एसआईआर के लिए अलग से इंसेंटिव मिलता है या नहीं मिलता है।
एक बीएलओ को कितने वोटर्स का काम होता है?
बता दें, देशभर में चुनाव आयोग का एसआईआर प्रेसेस शुरू हो गया है। इसके शुरू होते ही बीएलओ एक बार फिर से चर्चा में नजर आ रहे हैं। बीएलओ (BLO Salary) हर वोटर की पहचान करता है, साथ ही फॉर्म सत्यापित करता है और ये तय करता है कि उस बूथ का वोटर कौन है और कौन नहीं है। बीएलओ के पास करीब 950 से 1000 वोटर लिस्ट होती है। देश के 12 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में कुल 5.32 बीएलओ इस काम को पूरा करने में लगे हुए हैं।
(BLO Salary) बीएलओ को कितनी मिलती है सैलरी?
बीएलओ को चुनाव आयोग की तरफ से वार्षिक मानदेय के तौर पर 12 हजार रुपए दिए जाते हैं। पहले 6000 रुपए मिलते थे लेकिन फिर दोगुना कर दिए गए हैं। वहीं, एसआईआर जैसी एक्स्ट्रा जिम्मेदारी के लिए उनको अलग से राशि दी जाती है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, एसआईआर के लिए हर बीएलओ को 2 हजार से 6 हजार रुपए तक दिए जाते हैं।
