सीजी भास्कर, 03 दिसंबर। साइबर अपराधियों के नये पैतरों और बेहद चालाक तरीकों से जहां आम जनता की मुश्किलें बढ़ी हैं वहीं सुरक्षा व्यवस्था पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं। हाल ही में एक नए तरह की सायबर धोखाधड़ी का खुलासा हुआ है जिसमें जालसाज कंपनियों के वरिष्ठ अधिकारियों का भेष बनाकर उनके अकाउंटेंट से रूपये ट्रांसफर करवा लिए गए हैं। 10 दिनों के भीतर इस तरह से लगभग 7 करोड़ रुपये से अधिक की ठगी हो चुकी है।
दिल्ली सायबर यूनिट पुलिस के अनुसार जालसाज कंपनियों के प्रबंध निदेशक (MD), मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) या मालिक के नाम से फर्जी व्हाट्सएप अकाउंट बनाते हैं। उस अकाउंट की प्रोफाइल फोटो में कंपनी का लोगो या संबंधित अधिकारी की तस्वीर लगाई जाती है। इसके बाद जालसाज एकाउंटेंट या फाइनेंसियल ब्रांच के अधिकारियों को मैसेज भेजकर किसी इमरजेंसी प्रोजेक्ट के लिए फंड ट्रांसफर करने का निर्देश देते हैं।
ऐसे ही एक मामले में ठग ने कंपनी के एकाउंट मैनेजर से व्हाट्सएप पर संपर्क किया और खुद को एमडी बताया। उसने मैनेजर को एक नए प्रोजेक्ट के लिए 1.15 करोड़ रुपये के अग्रिम भुगतान करने का दबाव बनाया। मैनेजर ने तुरंत पैसे ट्रांसफर कर दिए। अगले ही दिन इस तरह की ठगी का और मामला सामने आया जिसमें कंपनी के चीफ फायनेस अफसर से संपर्क कर खुद को एमडी बताते हुए सीएफओ को दो लेनदेन करने का निर्देश दिया जिसमें 1.96 करोड़ और 3 करोड़ रुपये का अलग अलग ट्रांजेक्शन करवा लिया गया। सीएफओ को कहा गया कि यह राशि दो नए प्रोजेक्ट के लिए जरूरी है। सीएफओ ने तुरंत रूपये बताए गए एकाउंट्स में ट्रांसफर कर दिए। तीसरे मामले में ठग ने एक प्रतिष्ठित कंपनी डायरेक्टर के भाई का वाट्सअप फेस बनाकर एकाउंटेंट से संपर्क किया और उससे कंपनी के मौजूद फंड के बारे में जानकारी लेकर दो किस्तों में 90 लाख रुपये ट्रांसफर करने का निर्देश दिया। इन घटनाओं को संज्ञान में लेते हुए पुलिस ने लोगों को सलाह दी है कि ऐसे मैसेज पर भरोसा करने से पहले कंपनी के अधिकारियों से सीधे संपर्क करें। पुलिस इन मामलों की जांच में जुटी हुई है।