सीजी भास्कर 7 अगस्त!
सीतापुर, उत्तर प्रदेश।
सीतापुर के चर्चित पत्रकार राघवेंद्र वाजपेयी हत्याकांड में बड़ा अपडेट सामने आया है। गुरुवार सुबह पुलिस और STF की संयुक्त कार्रवाई में इस हत्या के दोनों मुख्य आरोपी मुठभेड़ में मारे गए। चौंकाने वाली बात यह रही कि दोनों शूटर न केवल सगे भाई थे, बल्कि उन्होंने अपनी पहचान छिपाने के लिए दो-दो आधार कार्ड बनाए थे—एक हिंदू और एक मुस्लिम नाम से।
कौन थे ये शूटर?
मारे गए अपराधियों की पहचान राजू तिवारी उर्फ रिजवान खान और संजय तिवारी उर्फ अकील खान के रूप में हुई है। पुलिस जांच में सामने आया कि दोनों के पिता कृष्ण गोपाल तिवारी एक हिंदू ब्राह्मण थे और मां नाजिमा मुस्लिम महिला। पिता ने विवाह के बाद धर्म परिवर्तन कर अपना नाम करीम खान रख लिया था। बेटों ने इस मिश्रित पारिवारिक पृष्ठभूमि का फायदा उठाकर दोहरी पहचान बनाई।
दोनों के पास दो-दो आधार कार्ड, एक में हिंदू नाम और दूसरे में मुस्लिम नाम दर्ज था। यही नहीं, वे जरूरत के मुताबिक पहचान बदलते रहते थे और इसी के सहारे अपराध करते थे।
हत्या की पूरी कहानी: क्यों मारा गया पत्रकार?
8 मार्च 2025 को हेमपुर ओवरब्रिज के पास दिनदहाड़े पत्रकार राघवेंद्र वाजपेयी की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। हमलावर बाइक पर आए और चार राउंड फायर किए, जिनमें से दो गोलियां उनके सीने में लगीं। अस्पताल पहुंचते ही डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
हत्याकांड की जड़ में कौन?
जांच में बड़ा खुलासा हुआ कि हत्या की साजिश कारेदेव बाबा मंदिर के स्वयंभू पुजारी शिवानंद बाबा उर्फ विकास राठौर ने रची थी। सूत्रों के मुताबिक, पत्रकार राघवेंद्र बाबा की अवैध गतिविधियों को उजागर करने वाले थे, जिससे नाराज़ होकर बाबा ने दो शूटरों को सुपारी देकर हत्या करवा दी।
बाबा और उसके दो साथियों को पुलिस पहले ही गिरफ्तार कर चुकी थी, लेकिन दोनों शूटर फरार थे।
कैसे हुई मुठभेड़?
गुरुवार तड़के STF, SOG और सीतापुर पुलिस को जानकारी मिली कि दोनों फरार आरोपी पिसावा थाना क्षेत्र में छिपे हुए हैं। पुलिस ने इलाके में घेराबंदी की। तभी एक बाइक पर दोनों आरोपी वहां से गुजरते दिखे। रुकने के इशारे पर उन्होंने पुलिस पर फायरिंग कर दी।
पुलिस की जवाबी कार्रवाई में दोनों गंभीर रूप से घायल हुए और अस्पताल ले जाए गए, जहां उन्हें मृत घोषित कर दिया गया। मौके से 32 बोर की पिस्टल, एक कार्बाइन और स्पोर्ट्स बाइक बरामद हुई।
SP ने क्या कहा?
घटनास्थल पर पहुंचे एसपी अंकुर अग्रवाल ने मुठभेड़ को “रणनीतिक और साहसिक” कार्रवाई बताया। उन्होंने कहा कि पुलिस और STF की मेहनत रंग लाई है, और पत्रकार को न्याय दिलाने की दिशा में यह बड़ी सफलता है।