सीजी भास्कर, 5 दिसंबर। केरल में 2025 में अमीबिक मेनिंगोएन्सेफलाइटिस (Brain Eating Amoeba Kerala) के कारण 170 मरीज मिले और 42 लोगों की मौत दर्ज हुई है। यह संक्रमण आम भाषा में दिमाग खाने वाला अमीबा कहा जाता है। लोकसभा में लिखित जवाब में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री प्रतापराव जाधव ने बताया कि 2023 से अब तक 211 मामले और कुल 53 मौतें हुई हैं।
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि वर्ष 2023 में केवल दो केस और दो मौतें दर्ज की गई थीं, जबकि 2024 में यह संख्या 39 मामलों और नौ मौतों तक पहुंची। लेकिन वर्ष 2025 में स्थिति अधिक चिंताजनक हो गई, जहां मामले बढ़कर 170 और मौतें 42 हो गईं। मंत्री ने बताया कि पिछले वर्ष कोझिकोड (Brain Eating Amoeba Kerala) में राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र की टीम ने अमीबा संक्रमण फैलने के कारणों की जांच की थी।
आईसीएमआर द्वारा विशेषज्ञों की उच्च स्तरीय बैठक भी बुलाई गई, जिसमें वायरस वृद्धि, स्रोत, नियंत्रण और रोकथाम पर व्यापक चर्चा हुई। स्वास्थ्य मंत्रालय ने राज्य सरकार को निगरानी बढ़ाने, जल स्रोत में परीक्षण सुधारने और लोगों को जागरूक करने का निर्देश दिया है।
यह संक्रमण कैसे फैलता है
अमीबिक एन्सेफलाइटिस केंद्रीय तंत्रिका तंत्र का तीव्र और घातक रोग है, जो नेग्लेरिया फाउलेरी नामक अमीबा से होता है। यह संक्रमण आमतौर पर तब फैलता है जब लोग ऐसी झीलों, नदियों या तालाबों में तैरते हैं, जिनके पानी में यह अमीबा मौजूद रहता है। संक्रमण नाक के माध्यम से मस्तिष्क तक पहुंचता है और 95% मामलों में रोगी की मृत्यु हो जाती है। विशेषज्ञों ने गर्मियों में विशेष सावधानी बरतने, तालाब व झील में नाक में पानी जाने से रोकने, और संक्रमित क्षेत्र में बिना सुरक्षा तैराकी से बचने की सलाह दी है।


