सीजी भास्कर, 5 नवंबर | Brihaspati Singh Statement : छत्तीसगढ़ की राजनीति में एक बार फिर कांग्रेस के अंदरूनी मतभेदों पर सवाल उठे हैं। पूर्व विधायक Brihaspati Singh ने तीखा बयान देते हुए कहा कि “प्रदेश में (Nipato-Nipatao Politics) के चक्कर में कांग्रेस की सरकार गई।” उन्होंने आरोप लगाया कि पार्टी हारती बीजेपी से नहीं, बल्कि अपने ही नेताओं की आपसी लड़ाई से।
बृहस्पति सिंह ने कहा, “अगर कांग्रेस के नेता आपसी निपटो-निपटाओ की राजनीति छोड़ दें, तो सरकार अपने आप बन जाएगी। लेकिन दुर्भाग्य है कि हर कोई खुद को मुख्यमंत्री देखना चाहता है।”
टीएस सिंहदेव पर साधा निशाना, कहा- सोच अच्छी पर सीमित दायरा
बृहस्पति सिंह ने प्रदेश के पूर्व डिप्टी सीएम TS Singh Deo पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि “सिंहदेव अच्छे नेता हैं, सोच भी रखते हैं, लेकिन उनका दायरा (Leadership Scope) सरगुजा से ऊपर नहीं उठ पाया।”
उन्होंने साफ कहा कि कांग्रेस की हार का बड़ा कारण यही सीमित नेतृत्व और गुटबाजी है।
Brihaspati Singh Statement : 22 विधायकों की टिकट काटी, उसी से बिगड़ा गणित
बृहस्पति सिंह ने खुलासा किया कि पिछली बार कांग्रेस ने (Ticket Cut Decision) के तहत 22 विधायकों के टिकट काटे थे, जिसका खामियाजा पार्टी को भुगतना पड़ा। उन्होंने बताया कि उस वक्त वरिष्ठ नेता के.सी. वेणुगोपाल ने भी राहुल गांधी को चेताया था कि “अगर टिकट कटे तो सत्ता नहीं मिलेगी।”
बृहस्पति का कहना है कि “नेतृत्व ने कार्यकर्ताओं की भावनाएं नहीं समझीं, नतीजा सामने है।”
राहुल से कही थी बात, कहा था- नेता ठीक कर दीजिए
बृहस्पति सिंह ने याद करते हुए कहा कि राहुल गांधी ने एक बार सभी आदिवासी विधायकों से चर्चा की थी। उस दौरान बृहस्पति ने स्पष्ट कहा था—“छत्तीसगढ़ में कांग्रेस बीजेपी से नहीं हारती, अपने ही नेताओं से हार जाती है।”
उन्होंने (Rahul Gandhi Leadership) के सामने यह भी रखा था कि “अगर निपटो-निपटाओ की राजनीति खत्म कर दी जाए, तो जनता खुद कांग्रेस को सत्ता में लाएगी।”
सिंहदेव बोले- अपने अनुभव पर दिया बयान, मुझे माफ़ी नहीं चाहिए
बृहस्पति सिंह के आरोपों पर TS Singh Deo ने कहा कि उन्होंने अपने अनुभव के आधार पर बयान दिया है। “कम से कम उन्होंने इतना तो कहा कि मैं अच्छा नेता हूं।”
सिंहदेव ने कहा कि बृहस्पति ने पहले भी उनके खिलाफ बयान दिए थे, यहां तक कि हत्या की कोशिश का आरोप लगाया था, जो अस्वीकार्य है। उन्होंने कहा कि “अगर प्रभावित परिवार माफ़ कर दे तो मुझे उनकी पार्टी में वापसी से कोई आपत्ति नहीं।”
एक कुर्सी, कई दावेदार; जनता चाहती है स्थिरता
राजनीतिक विश्लेषकों के मुताबिक, बृहस्पति सिंह का यह बयान कांग्रेस के अंदर चल रहे Internal Rift को उजागर करता है। छत्तीसगढ़ में कई वरिष्ठ नेता एक ही कुर्सी के दावेदार रहे हैं, जिसके चलते जनता का भरोसा डगमगा गया।
