सीजी भास्कर, 15 जून : दुश्मन को उसके घर में मात देने वाला आपरेशन सिंदूर हो या अपने बलिदानियों के परिवार के हर सुख-दुख में साथ देने की बात, सीमा सुरक्षा बल (BSF Jawan) हमेशा तत्पर रहता है। अपने बलिदानी जवान के घर पर कोई समारोह हो तो सीमा सुरक्षा बल के अधिकारी उपहार के साथ पहुंचते हैं और खुशी के पल परिवार के साथ साझा करते हैं, ताकि उन्हें यह न लगे कि वे अकेले हैं। इसी तरह दुख के पल में भी सीमा सुरक्षा बल के अधिकारी व जवान शामिल होते हैं।
बात करते हैं सीमावर्ती पुंछ जिला की मंडी तहसील के दूरदराज गांव फतेहपुर की। इस गांव के रहने वाले मोहम्मद सफीर बीएसएफ (BSF Jawan) में हेड कांस्टेबल थे और आठ अप्रैल, 2014 को बलिदान हुए थे। मोहम्मद सफीर के पांच बच्चे (तीन बेटियां व दो बेटे) व पत्नी है। मोहम्मद सफीर के तीसरे नंबर की बेटी रुकसाना का शुक्रवार को निकाह था।
इस बारे में जब पुंछ के मंडी में तैनात सीमा सुरक्षा बल (BSF Jawan) के अधिकारियों को सूचना मिली तो उसी समय उन्होंने बेटी के लिए उपहार व मिठाइयों के साथ अधिकारियों व जवानों को बलिदानी के घर भेजा। सीमा सुरक्षा बल के अधिकारियों व जवानों ने बेटी को उपहार भेंट करने के साथ एक पिता की तरह उसे आशीर्वाद भी दिया।
काफी समय तक सीमा सुरक्षा बल के अधिकारी बलिदानी के घर में रहे और बेटी के शादी समारोह में शामिल हुए। डोली ससुराल जाने के बाद ही जवान अपने शिविर में वापस आए। वहीं, गांववालों का कहना है कि जब जवान हमारे लिए इतना करते हैं तो हम भी उनके साथ हमेशा कंधे से कंधा मिलाकर खड़े रहेंगे।
हर सुख-दुख में दिया साथ (BSF Jawan)
बलिदानी मोहम्मद सफीर की पत्नी रशीदा बेगम ने बताया कि मेरे पति को बलिदान हुए 11 वर्ष हो गए हैं, लेकिन सीमा सुरक्षा बल के जवानों व अधिकारियों ने हर सुख-दुख में हमारा साथ दिया है। उन्होंने कहा कि मेरा बेटा भी सीमा सुरक्षा बल में है और वह भी देश की सेवा कर रहा है। अब मेरी बेटी की शादी में भी जवान व अधिकारी पहुंचे। मेरे पति जहां भी होंगे, उनकी रुह को सुकून जरूर मिला होगा।