सीजी भास्कर, 27 जुलाई |
रायपुर – राजधानी रायपुर में कुख्यात हिस्ट्रीशीटर तोमर बंधुओं के खिलाफ कार्रवाई और तेज हो गई है। रविवार सुबह नगर निगम की टीम ने भाठागांव स्थित उस ऑफिस पर बुलडोजर चलाया, जहां से रोहित सिंह तोमर और वीरेंद्र सिंह तोमर का सूदखोरी और अवैध वसूली का नेटवर्क संचालित होता था।
इस ऑफिस का निर्माण नियमों को दरकिनार कर अवैध तरीके से किया गया था। निगम ने इसे ध्वस्त कर दिया। इस कार्रवाई को लेकर गृहमंत्री विजय शर्मा और डिप्टी सीएम अरुण साव ने भी सख्त संदेश दिया – कानून से ऊपर कोई नहीं, चाहे कितना भी रसूखदार क्यों न हो।
क्लीन इमेज के पीछे काले धंधे का खेल
रोहित तोमर ने इस ऑफिस को पत्नी भावना तोमर के नाम पर पंजीकृत कराया था। यह फर्म “शुभकामना वेंचर्स प्रा. लि.” के नाम से संचालित होती थी, और जमीनों के सौदे की आड़ में सूदखोरी और ब्लैकमेलिंग का धंधा यहां से चलता था।
बता दें कि रोहित और वीरेंद्र तोमर दोनों पिछले दो महीने से फरार हैं। रायपुर पुलिस ने इन दोनों की गिरफ्तारी के लिए इनाम भी घोषित कर रखा है।
गृहमंत्री बोले – फोटो से कोई कानून से बड़ा नहीं
कार्रवाई पर बोलते हुए गृहमंत्री विजय शर्मा ने कहा, “किसी मंत्री या मुख्यमंत्री के साथ फोटो खिंचवाने से कोई अपराधी कानून से बड़ा नहीं हो जाता।” वहीं डिप्टी सीएम अरुण साव ने तीखा बयान देते हुए कहा, “बुलडोजर चलेगा, चाहे तोमर हो या कोई और। अब अपराधियों के खिलाफ माइक नहीं, सरकारी बुलडोजर बोलेगा।”
पत्नी भावना तोमर की गिरफ्तारी से मिले सुराग
10 दिन पहले रोहित तोमर की पत्नी भावना को पुरानी बस्ती पुलिस ने गिरफ्तार किया था। भावना ने एक व्यक्ति से 3 लाख का कर्ज देकर उसकी 15 लाख की जगुआर कार गिरवी रखी थी। कर्ज लौटाने के बाद भी कार वापस नहीं की और उल्टा 10 लाख और वसूलने का दबाव बनाती रही। पुलिस ने भावना के पास से कार, मोबाइल और दस्तावेज बरामद किए हैं।
हाईप्रोफाइल लाइफस्टाइल – लेकिन गाड़ी भी अपनी नहीं थी
जांच में पता चला कि तोमर बंधुओं के पास दिखने वाली लग्जरी कार असल में उनकी थी ही नहीं। कार भिलाई निवासी मनोज वर्मा की थी, जिसे सिर्फ 3 लाख के कर्ज के एवज में जब्त किया गया था।
6 से ज़्यादा केस दर्ज, अब फरार घोषित
तोमर ब्रदर्स पर मारपीट, ब्लैकमेलिंग, धमकी और सूदखोरी के 6 से अधिक गंभीर मामले रायपुर के अलग-अलग थानों में दर्ज हैं। वे लंबे समय से फरार हैं और 18 जुलाई को कोर्ट में पेश नहीं होने के बाद उन्हें विधिवत “फरार घोषित” कर दिया गया है। अदालत ने उनके खिलाफ उद्घोषणा (Proclamation Notice) जारी की है।
कर्ज लो, सूद में सब कुछ गंवाओ – यही था तोमर गैंग का फॉर्मूला
इनकी सूदखोरी का तरीका बेहद खतरनाक था – आम लोगों को थोड़ी रकम का कर्ज देकर फिर उसे ब्याज दर ब्याज बढ़ाकर करोड़ों में बदल देना। एक मामले में तो पीड़ित ने 10 लाख कर्ज लेकर 1.10 करोड़ तक चुका दिए, फिर भी पीछा नहीं छोड़ा गया।