सीजी भास्कर, 13 नवंबर। खुफिया एजेंसियों ने लाल किले के पास हुए कार धमाके (Car Blast Conspiracy) के बाद एक बड़ी आतंकी साजिश का पर्दाफाश किया है। जांच में सामने आया है कि आतंकियों ने करीब 32 पुरानी कारों में विस्फोटक लगाकर देशभर में एक साथ बड़े धमाके करने की योजना बनाई थी। विस्फोट स्थल से लिए गए सैंपलों में अमोनियम नाइट्रेट की पुष्टि हुई है। साथ ही मौके से मिले कारतूस और खोखे 9 एमएम के हैं।
सूत्रों के अनुसार, पकड़े गए दो डॉक्टरों से पूछताछ में खुलासा हुआ कि आतंकियों ने हमले के लिए I-20 और EcoSport गाड़ियों को मॉडिफाई करना शुरू कर दिया था। कुछ कारें जुटा भी ली गई थीं और कई खरीदने की प्रक्रिया चल रही थी। एक कार अल-फलाह यूनिवर्सिटी कैंपस से बरामद हुई है। जांच एजेंसियों का मानना है कि करीब आठ आतंकी चार बड़े शहरों में एक साथ धमाके (Car Blast Conspiracy) करने की तैयारी में थे। हर दो आतंकियों को एक शहर सौंपा गया था।
Car Blast Conspiracy उमर ने पार्किंग में 3 घंटे में बनाया बम
सीसीटीवी फुटेज के अनुसार, जैश-ए-मोहम्मद का आतंकी डा. उमर सोमवार दोपहर 3:20 बजे लाल किले की पार्किंग में घुसा और शाम 6:22 बजे बाहर निकला। करीब तीन घंटे तक वह कार में बैठकर बम तैयार करता रहा। अल फलाह यूनिवर्सिटी से निकलते समय वह अमोनियम नाइट्रेट, फ्यूल आयल, टाइमर, डेटोनेटर और अन्य सामग्री लेकर आया था। सूत्रों का कहना है कि उमर बम बनाने में प्रशिक्षित था और कम समय में विस्फोटक तैयार कर सकता था। पार्किंग में वह एक ऐसे कोने में कार खड़ी कर बैठा था, जो सीसीटीवी की रेंज में नहीं आता। सोमवार को लाल किला बंद होने से पार्किंग लगभग खाली थी।
रेकी कर ढूंढा था भीड़भाड़ वाला इलाका
सूत्रों के मुताबिक, उमर की योजना दिल्ली में किसी भीड़भाड़ वाले स्थान पर बड़ा धमाका करने की थी। फरीदाबाद से दिल्ली आते समय उसने रास्ते में कई व्यस्त इलाकों की रेकी की और अंत में लाल किले क्षेत्र तक पहुंच गया। उसने किन-किन रास्तों का इस्तेमाल किया और किससे मिला, इसकी जांच की जा रही है।
कार में काला बैग, बदरपुर टोल का फुटेज
10 नवंबर को फरीदाबाद से दिल्ली में प्रवेश करते हुए उमर का एक और सीसीटीवी सामने आया है। कार की पीछे की सीट पर काले रंग का बड़ा बैग रखा दिखा। फुटेज से पता चलता है कि वह कैमरों को देखकर घबराया हुआ था और पहचान छिपाने के लिए मास्क लगाए था।
फरीदाबाद से 8 कारों का जुगाड़, 4 बरामद
आतंकी पुराने वाहनों की खरीद में लगे हुए थे। फरीदाबाद से 8 कारों का इंतजाम करना था, 4 कारें खरीदी जा चुकी थीं, बाकी 4 का सौदा लगभग तय था, लेकिन भुगतान से पहले ही दिल्ली धमाका हो गया। पुलिस ने चारों कारें बरामद कर ली हैं। जांच में पता चला कि डा. शाहीन की स्विफ्ट कार से ही विस्फोटक सामग्री धौज में किराए के कमरे तक पहुंचाई जा रही थी। यह कार ज्यादातर उसके साथी डा. मुजम्मिल चलाता था।
पुरानी कारों का पूरा नेटवर्क ऐसे चला
I-20 कार, जो लाल किले धमाके में उपयोग हुई, 29 अक्टूबर को फरीदाबाद के सेक्टर-37 से खरीदी गई थी।
इसी मामले में गिरफ्तार डा. शाहीन की स्विफ्ट कार से AK-47, गोलियां और पिस्तौल मिली थी।
तीसरी कार खंदावली गांव से बरामद हुई—यह डा. उमर नबी बट के नाम थी और विस्फोटक सप्लाई में उपयोग हुई।
चौथी ब्रेजा कार यूनिवर्सिटी के परिसर से मिली—यह डा. शाहीन ने सितंबर 2025 में खरीदी थी।
