बिलासपुर | 26 जुलाई
छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले से हरेली पर्व के दिन एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है। परिवार दर्शन करके लौट रहा था, लेकिन रास्ते में तुंगन नाले के तेज बहाव में उनकी कार बह गई। कार में सवार तीन साल का बच्चा तेजस साहू अब तक लापता है, जबकि बाकी आठ लोगों को सुरक्षित बचा लिया गया। हादसा सीपत ब्लॉक के झलमला गांव में हुआ।
300 मीटर दूर मिली कार, बच्चा अब भी गायब
पुलिस और एसडीआरएफ की टीमें गुरुवार देर रात से लगातार रेस्क्यू ऑपरेशन चला रही हैं। शुक्रवार सुबह कार करीब 300 मीटर दूर पानी में डूबी मिली, लेकिन अंदर कोई नहीं था। स्वजनों को उम्मीद थी कि बच्चा शायद कार में फंसा हो, लेकिन कार खाली निकलने से परिवार की चिंता और बढ़ गई है। आशंका है कि तेज बहाव में मासूम बहुत दूर बह चुका है।
पुल पर बह रहा था तीन फीट पानी, फिर भी निकाली कार
परिवार दर्शन के बाद लौट रहा था, जब कार तुंगन नाले के पुल पर पहुंची। पुल पर करीब तीन फीट पानी बह रहा था, बावजूद इसके मोहनलाल साहू ने कार निकालने की कोशिश की। कार तेज बहाव में बहकर करीब 60 फीट दूर तक चली गई।
दरवाजा खोलकर निकले बाकी लोग, बच्चा बह गया
हादसे के वक्त कार में कुल नौ लोग सवार थे, जिनमें चार बच्चे भी थे। कार बहते ही सवारों ने दरवाजा खोलकर किसी तरह बाहर निकलने की कोशिश की। आठ लोग किसी तरह जान बचाने में सफल रहे, लेकिन तीन साल का तेजस अपनी मां के हाथ से फिसल गया और पानी में बह गया।
SDRF की टीम लगातार सर्च में जुटी, बहाव बना बाधा
थाना प्रभारी सतपथी के मुताबिक, SDRF की टीम लगातार सर्च ऑपरेशन में लगी हुई है, लेकिन पानी की तेज धार तलाशी अभियान में बाधा बन रही है। अब यह अनुमान लगाया जा रहा है कि तेजस नाले के बहाव के साथ झलमला-सेलर एनीकट की ओर बह गया होगा।
लापरवाही बना हादसे का कारण
हादसे के बाद कई सवाल भी खड़े हो रहे हैं। वैगनआर जैसी छोटी कार में नौ लोगों को बैठाना और पुल पर बह रहे पानी के बावजूद पार करने की कोशिश करना, एक स्पष्ट लापरवाही मानी जा रही है। अगर समय रहते सतर्कता बरती जाती, तो शायद मासूम की जान बचाई जा सकती थी।