सीजी भास्कर, 19 जून| Census Mobile App India : 2011 में जनगणना के 16 साल बाद गृह मंत्रालय ने सोमवार को अगली जनगणना के लिए अधिसूचना जारी की है। यह भारत की 16वीं जनगणना होगी। लद्दाख जैसे बर्फीले इलाकों में एक अक्टूबर, 2026 और देश के बाकी हिस्सों में एक मार्च, 2027 की संदर्भ तिथि के साथ जनगणना की जाएगी। देशभर से जनसंख्या संबंधी आंकड़े उपलब्ध कराने के लिए इस प्रक्रिया पर 13 हजार करोड़ रुपये से अधिक खर्च होने का अनुमान है। जनगणना दो चरणों में होगी। एक अप्रैल, 2026 को घरों की गिनती के साथ जनगणना शुरू हो (Census Mobile App India)जाएगी। घरों की गिनती का काम 30 सितंबर, 2026 तक चलेगा। नौ फरवरी से एक मार्च 2027 तक व्यक्तियों की गणना होगी।
अधिसूचना में कहा गया है कि लद्दाख, जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड के बर्फीले क्षेत्रों में जनगणना के लिए संदर्भ तिथि एक अक्टूबर (30 सितंबर की रात ठीक 12 बजे), 2026 होगी। उक्त इलाकों को छोड़कर शेष भारत के लिए जनगणना की संदर्भ तिथि एक मार्च (28 फरवरी की रात ठीक 12 बजे), 2027 होगी।
वैसे अधिसूचना में जातिवार गणना का उल्लेख नहीं है, लेकिन गृह मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों के अनुसार फरवरी 2027 में होने वाली मुख्य जनगणना के दौरान ही जातिवार आंकड़े भी जुटाए जाएंगे। उनका कहना है कि जातिवार गणना जनगणना का ही हिस्सा है। इसीलिए अधिसूचना सिर्फ जनगणना की हुई है। प्रेट्र के अनुसार, गृह मंत्रालय ने कहा कि जनगणना में जातिवार गणना शामिल होगी। कुछ भ्रामक जानकारी फैलाई जा रही है कि राजपत्र अधिसूचना में जातिवार गणना का कोई उल्लेख नहीं है।
गृह मंत्रालय का यह बयान तब आया है, जब कांग्रेस ने आरोप लगाया कि सोमवार को जारी अधिसूचना में जाति को शामिल करने के बारे में कुछ नहीं कहा गया है। इस पर गृह मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि जनगणना कराने की अधिसूचना राजपत्र में प्रकाशित की गई है। जनगणना में जातिवार गणना भी शामिल होगी। 30 अप्रैल, चार जून और 15 जून की प्रेस विज्ञप्तियों में उल्लेख किया जा चुका है कि जनगणना में जातिवार गणना शामिल होगी।
गृह मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि जनगणना की अधिसूचना का एक तय फार्मेट है। उसी के अनुरूप नई अधिसूचना जारी की गई (Census Mobile App India)है। यह 2019 के मार्च में 2021 की जनगणना के लिए जारी अधिसूचना के ही समान है। 2019 में भी नेशनल पापुलेशन रजिस्टर (एनपीआर) के आंकड़े को अपडेट करने के लिए अलग से अधिसूचना जारी की गई थी। माना जा रहा है कि इस बार भी जातिवार गणना और एनपीआर के लिए अलग से अधिसूचना जारी हो सकती है। चूंकि कैबिनेट ने जनगणना के साथ ही जातिवार गणना कराने का फैसला किया है। इसीलिए नौ फरवरी से एक मार्च के बीच व्यक्तियों की गणना के दौरान ही उनकी जाति के बारे में सवाल पूछे जाएंगे।
1.3 लाख जनगणना पदाधिकारी होंगे तैनात
ध्यान देने की बात है कि रविवार को गृह मंत्री अमित शाह ने महापंजीयक और जनगणना आयुक्त समेत अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ जनगणना की तैयारियों की समीक्षा की थी। इसमें जनगणना के काम में लगने वाले 34 लाख प्रगणकों की ट्रेनिंग के लिए मास्टर ट्रेनर के प्रशिक्षण पर भी चर्चा हुई थी। जनगणना करने के लिए पूरे देश में 1.3 लाख जनगणना पदाधिकारी तैनात किए जाएंगे। जनगणना पूरी तरह से डिजिटल होगी और डाटा जुटाने के लिए मोबाइल एप्लीकेशन का इस्तेमाल किया जाएगा। इसके साथ ही लोगों को स्वत: गणना का प्रविधान भी उपलब्ध कराया जाएगा।