लखनऊ | 8 अगस्त 2025: उत्तर प्रदेश एटीएस (ATS) की जांच में आतंक के अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क का सनसनीखेज खुलासा हुआ है। हाल ही में महाराष्ट्र के ठाणे से गिरफ्तार किए गए संदिग्ध आतंकवादी डॉ. उसामा माज शेख और अजमल अली के मोबाइल से जो सुराग मिले हैं, वो सीधे तौर पर पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठनों से जुड़ाव को साबित करते हैं।
मोबाइल डेटा से उभरा ‘Reviving Islam’ नामक ग्रुप का खुलासा
ATS अधिकारियों ने बताया कि दोनों आरोपियों के मोबाइल फोन से “Reviving Islam” नामक एक संदिग्ध ऑनलाइन ग्रुप से जुड़ी चैट्स, डॉक्यूमेंट्स और वीडियो क्लिप्स मिली हैं। इन चैट्स में आतंकी ट्रेनिंग, आईईडी (IED) बनाने की विधि, और हिंसात्मक जिहाद फैलाने की बातें साफ तौर पर दर्ज हैं।
सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि इस ग्रुप में पाकिस्तानी मोबाइल नंबर भी सक्रिय थे। इनसे भारत में रहने वाले युवाओं को लगातार कट्टरपंथ की ओर उकसाया जा रहा था।
हैदराबाद, आगरा और अहमदाबाद में फैलानी थी आतंकी गतिविधियां
ATS को मिले डिजिटल साक्ष्यों में पता चला है कि उसामा माज शेख को हैदराबाद, आगरा, और अहमदाबाद जैसे प्रमुख शहरों में जाकर नेटवर्क फैलाने के निर्देश दिए गए थे। वो पहले भी कई बार इन शहरों का दौरा कर चुका है और वहां मौजूद कट्टरपंथी संपर्कों से मिल चुका है।
गजवा-ए-हिंद और 26/11 कनेक्शन भी आया सामने
“Reviving Islam” ग्रुप में गजवा-ए-हिंद से जुड़े वीडियो और कट्टर विचारधारा फैलाने वाला कंटेंट भी शेयर किया जा रहा था। इतना ही नहीं, जांच में पाकिस्तान के थट्टा कैंप का भी जिक्र मिला है – वही आतंकी ट्रेनिंग सेंटर जहां मुंबई हमले (26/11) के आतंकी अजमल कसाब को ट्रेनिंग दी गई थी।
ATS कर रही है डाटा डिकोडिंग, पाकिस्तान कनेक्शन की गहराई से जांच जारी
ATS अब मोबाइल से मिले सभी मैसेज, वीडियो और चैट को क्रिप्टोग्राफिक तरीके से डिकोड करने में लगी हुई है। विशेष रूप से उन संदेशों की जांच हो रही है जिनमें भारत में आतंकी नेटवर्क, टारगेट लोकेशन, और युवाओं को ब्रेनवॉश करने की रणनीतियाँ हो सकती हैं।
भारत में जिहाद फैलाने की बड़ी साजिश नाकाम
यूपी ATS की तफ्तीश ने समय रहते एक बड़े आतंकी हमले को नाकाम कर दिया है। अधिकारियों का मानना है कि यदि यह नेटवर्क और गहरा हो जाता, तो देश के कई शहरों में सीरियल ब्लास्ट या आतंकी घटनाएं हो सकती थीं।.