सीजी भास्कर, 6 सितंबर। छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने राज्य की आबकारी नीति को चुनौती देने वाली याचिका को खारिज कर दिया है। डिवीजन बेंच ने स्पष्ट किया है कि राज्य सरकार को अपनी आबकारी नीति बनाने का पूर्ण अधिकार है। इसे चुनौती नहीं दी जा सकती।
प्रदेश में शराब की दुकानों का संचालन और वितरण पहले 10 कंपनियों को सौंपा गया था। हाल ही में राज्य सरकार ने अपनी आबकारी नीति में बदलाव करते हुए इस कार्य को स्वयं के नियंत्रण में ले लिया। शराब के वितरण और बिक्री को अपने नियंत्रण में लेने के साथ ही राज्य सरकार ने कंपनियों से जमा की गई राशि वापस लौटा दी है। साथ ही कंपनियों के लाइसेंस रद्द कर दिया है।
राज्य शासन द्वारा आबकारी नीति में किए गए बदलाव को चुनौती देते हुए नार्थ ईस्ट फीड एंड एग्रो एक्सपोर्ट्स प्राइवेट लिमिटेड ने अपने अधिवक्ता के माध्यम से हाई कोर्ट में रिट याचिका दायर की थी। याचिका में कंपनी की ओर बताया गया था कि उन्होंने मार्च 2025 तक का अनुबंध किया है और इस अवधि से पहले उनका लाइसेंस निरस्त नहीं किया जा सकता।