सीजी भास्कर, 21 अगस्त। ईडी के प्रतिवेदन के अनुसार, पिछली कांग्रेस सरकार के दौरान राइस मिलरों को फायदा पहुंचाने के लिए मीलिंग प्रोत्साहन राशि को 40 रुपए से बढ़ाकर 120 रुपए कर दिया गया था। इस वृद्धि के पीछे एक सोची-समझी साजिश थी, जिसके तहत राइस माफियाओं से यह सौदा हुआ था कि 120 रुपए में से 40 रुपए कैश में लौटा दिए जाएंगे। वर्ष 2023-24 में छत्तीसगढ़ में 107 लाख मीट्रिक टन धान की खरीदी हुई थी, जिसके मीलिंग प्रोत्साहन के रूप में सरकार ने 500 करोड़ रुपए की पहली किस्त जारी की। ईडी के अनुसार, इसमें से 175 करोड़ रुपए की अवैध वसूली की गई।
राज्य में सत्ता परिवर्तन के बाद विष्णुदेव सरकार ने इस घोटाले पर कड़ी कार्रवाई शुरू कर दी है। दूसरी किस्त के रूप में जारी 40 रुपए प्रति क्विंटल वाली राशि में भी राइस मिलरों को लाभ पहुंचाया गया लेकिन अब सरकार इसे रोकने के लिए कदम उठा रही है। अनुमान ये है कि दूसरी किस्त से 214 करोड़ रुपए राइस मिलरों की जेब में चले गए हैं।
छत्तीसगढ़ की विष्णुदेव सरकार अब कस्टम मीलिंग घोटाले में बड़ा कदम उठाने जा रही है। प्रदेश के राइस माफियाओं को बड़ा झटका देने की तैयारी है। करोड़ों रुपए के इस घोटाले की जांच प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा की जा रही है, जिसमें अब तक मार्केटिंग फेडरेशन के एमडी और स्पेशल सेक्रेटरी फूड मनोज सोनी और राइस मिलर्स एसोसिएशन के कोषाध्यक्ष रोशन चंद्राकर समेत कई लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है।
1640 करोड़ की लूट: ईडी की जांच में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। ईडी के प्रतिवेदन के अनुसार प्रोत्साहन राशि में बढ़ोतरी का सीधा लाभ राइस मिलरो को हुआ है 2023 -24 में 124 लाख मिट्रिक टन धान की खरीदी हुई जिसमें मीनिंग प्रोत्साहन राशि के तौर पर 1640 करोड़ का घोटाला हुआ है । राज्य सरकार इस खेल पर रोक लगाने के लिए मिलिग चार्ज में ₹80 की वृद्धि को खत्म करने पर विचार कर रही है । एक जानकारी के अनुसार मिलिंग चार्ज का नया दर ₹70 निर्धारित किया जा सकता है जिससे सरकार के कोष में लगभग 800 करोड़ की बचत होगी।