सीजी भास्कर, 12 सितंबर। छत्तीसगढ़ के बालोद जिले के डौंडी इलाके में एक शिक्षक की खुदकुशी के मामले में छत्तीसगढ़ के पूर्व वन मंत्री मोहम्मद अकबर की मुश्किलें बढ़ी गई हैं। अदालत ने कांग्रेस नेता की अग्रिम जमानत याचिका को खारिज कर दिया है। अदालत ने प्रथम दृष्टया मोहम्मद अकबर की मामले में संलिप्तता पाए जाने का हवाला दिया है।
आपको बता दें कि आत्महत्या करने वाले सरकारी टीचर ने सुसाइड नोट में मोहम्मद अकबर का नाम लिखा था, इसके बाद डौंडी थाने में मोहम्मद अकबर सहित 4 लोगों पर आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला दर्ज किया गया था। सत्र न्यायाधीश ने पूर्व मंत्री मोहम्मद अकबर की जमानत याचिका खारिज की है। इस मामले में पहले 3 आरोपी गिरफ्तार हो चुके हैं। सत्र न्यायालय में मोहम्मद अकबर ने अग्रिम जमानत के लिए याचिका लगाई थी जिसे खारिज कर दिया गया है।
गौरतलब हो कि ओडगांव प्राथमिक विद्यालय के 57 साल के प्रधान पाठक देवेंद्र ठाकुर ने 3 सितंबर को खुदकुशी कर ली थी। इस घटना के बाद पूरे इलाके में सनसनी फैल गई। सुसाइड में उन्होंने कई लोगों के नाम का जिक्र किया था और आरोप लगाया गया था कि वन विभाग में कई पदों पर नौकरी लगवाने के नाम पर पैसों की ठगी की गई है। इसकी शिकायत डौंडी थाने में की गई थी। शिक्षक ने अपने सुसाइड नोट में लिखा था कि उन्होंने अपने कुछ रिश्तेदारों को वन विभाग में नौकरी लगवाने का भरोसा दिलाया था। इसके लिए उन्होंने एक ठग को रकम सौंपी थी लेकिन जब उनके रिश्तेदारों को नौकरी नहीं मिली, तो लोग अपने पैसे वापस मांगने लगे। इसके बाद शिक्षक ने मौत को गले लगा लिया था।
दूसरी तरफ छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने पूर्व मंत्री मोहम्मद अकबर पर हुई एफआईआर पर भाजपा सरकार को घेरते हुए कहा कि एक सुसाइड नोट के आधार पर पूर्व मंत्री मोहम्मद अकबर पर FIR दर्ज की जाती है लेकिन दोंदेकला में आत्महत्या करने वाले भाजपा कार्यकर्ता संतोष पटेल के सुसाइड नोट के आधार पर कोई कार्रवाई नहीं होती। सरकार आखिर किस नेता, किस अधिकारी को बचाना चाहती है, संतोष पटेल का सुसाइड नोट सामने आना चाहिए।