सीजी भास्कर, 4 सितंबर। राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (NIA) ने छ्त्तीसगढ़ के घोर नक्सल प्रभावित क्षेत्र अबूझमाड़ में छापेमार कार्रवाई की है। इस दौरान एनआईए की टीम ने 4 माओवादियों को गिरफ्तार किया है। वही मामले में 35 अन्य माओवादियों का नाम भी सामने आया है। एनआईए ने यह छापामार कार्रवाई माओवादियों द्वारा 20 मार्च 2023 में सड़क नाकेबंदी के मामले में की है।
मंगलवार को एनआईए की टीम ने नारायणपुर जिले के अबूझमाड़ इलाके के ओरछा, कस्तूरमेटा, मंडाली और मल्कल गांव में दबिश दी। एनआईए के मुताबिक इस दौरान 4 माओवादियों को गिरफ्तार किया गया है। जो कि नक्सल संगठनों के रसद सप्लाई का काम करते थे ।
एनआईए के मुताबिक 20 मार्च 2023 को प्रतिबंधित संगठन के कार्यकर्ताओं और समर्थकों ने इंडिया गेट रायनार के पास नारायणपुर-ओरछा मुख्य सड़क को विभिन्न हिस्सों में खोदकर, पेड़ों को काटकर और कई स्थानों पर बड़ी-बड़ी चट्टानों के छोटे-छोटे टुकड़े करके सड़क को अवरुद्ध कर दिया था। इस नाकाबंदी का उद्देश्य पुलिस पार्टियों को मारना और उनके हथियार लूटना था।
लखमा चार्जशीटेड माओवादी हैं
एनआईए की जांच के दौरान कुछ सीपीआई (माओवादी) समर्थकों/ओजीडब्ल्यू के नाम सामने आए थे। उन पर सीपीआई (माओवादी) के अग्रणी संगठन, माड़ बचाओ मंच के सदस्य होने का संदेह है। एनआईए ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में लखमा राम कोर्राम को भी माओवादी बताया है। उनका नाम इस मामले की चार्जशीट में दर्ज है। कोर्राम ओरछा में लंबे समय से धरने पर बैठे ‘माड़ बचाओ मंच’ के नेता हैं। ऐसा माना जा रहा कि उन्होंने अपराध को अंजाम देने में सीपीआई (माओवादी) की सहायता की थी।
जांच में यह सामने आया है कि माड़ बचाओ मंच मुठभेड़ों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन आयोजित करता है और प्रतिबंधित संगठन के लिए नए कैंप स्थापित करने में मदद करता है। इनको आवश्यक सामग्री भी मुहैया कराता है ।