सीजी भास्कर, 22 अगस्त। नगर पालिक निगम कोरबा के महापौर राजकिशोर प्रसाद के जाति प्रमाण पत्र को आदिम जाति विभाग के प्रमुख सचिव सोनमणि बोरा की अध्यक्षता वाली उच्च स्तरीय प्रमाणीकरण छानबीन समिति ने निरस्त कर दिया है। यह कार्रवाई तो हो गई लेकिन अब सवाल यह है कि उस समय पदस्थ एसडीएम ने स्थायी प्रमाण पत्र जारी कैसे कर दिया? जाति प्रमाण पत्र निरस्त करने के बाद अब एसडीएम पर किस तरह की कार्रवाई शासन के द्वारा की जाएगी ?
कांग्रेस के महापौर का जाति प्रमाण पत्र निरस्त कर देने के बाद शहर की राजनीति में खलबली मच गई है। नगर निगम का चुनाव होने में अभी लगभग 5 माह का वक्त है और इससे पहले प्रमाण पत्र निरस्त कर देने के बाद अब सवाल यह उठ गया है कि क्या इसके आधार पर प्रसाद आगामी 5 महीने तक महापौर रह पाएंगे? दूसरी तरफ भाजपा अब पूरा जोर लगा रही है कि महापौर को कुर्सी से हटाया जाए और उनकी जगह भाजपा से ही महापौर मनोनीत किया जाए लेकिन इसमें भी काफी वैधानिक-संवैधानिक पेंच है जिसको पूरा करने में कम से कम 2 से 3 माह का समय तो लग ही सकता है। अब जो भी मनोनीत महापौर होगा, वह दो से ढाई माह का ही माना जा सकता है। वैसे मनोनीत महापौर बिठाना भी किसी चुनौती से कम नहीं होगा।