सीजी भास्कर, 02 नवंबर। छत्तीसगढ़ की नई औद्योगिक नीति 1 नवंबर से लागू हो गई है। 28 अक्टूबर को साय सरकार की कैबिनेट ने इसे मंजूरी दी थी। यह नीति 31 मार्च 2030 तक के लिए लागू की गई है। नई नीति में तय किया गया है कि सर्विस सेक्टर के उद्योग स्थापना को बढ़ावा दिया जाएगा। रिटायर्ड सैनिक, अग्निवीर, कमजोर वर्ग, नक्सल पीड़ित परिवार के लोग तृतीय लिंग समुदाय के ऐसे लोग जो उद्योग शुरू करना चाहते हैं तो सरकार उन्हें जमीन बिजली पानी की सुविधाओं में छूट देगी। उद्योग लगाने के लिए कई वर्ग को खास छूट भी दी जाएगी। नई नीति में तय किया गया है कि राज्य के कोरबा, बिलासपुर, रायपुर में सेंट्रल इंडिया का उन्नत इंडस्ट्रियल कॉरिडोर तैयार किया जाएगा। इसके तहत इन तीनों शहरों में ट्रेन, एयर कनेक्टिविटी, सड़कों की सुविधा, पानी, बिजली और उद्योग लगाने के लिए जमीन मुहैया करवाने पर जोर दिया जाएगा।
उद्योग मंत्री लखन लाल देवांगन ने बताया कि नई औद्योगिक नीति में राज्य के युवाओं के लिए स्थानीय स्तर पर एक हजार से अधिक रोजगार के प्रोजेक्ट शुरू करने का प्रावधान किया गया है। बी-स्पोक पैकेज भी यूथ को दिया जाएगा। राज्य के अनुसूचित जाति, जनजाति, महिला उद्यमियों, सेवानिवृत्त अग्निवीर सैनिक, भूतपूर्व सैनिकों, जिनमें पैरामिलिट्री भी शामिल है, को जमीन, बिजली, पानी की सुविधाओं में छूट दी जाएगी। नक्सल प्रभावित, कमजोर वर्ग, तृतीय लिंग के उद्यमी भी नई औद्योगिक पॉलिसी के तहत विशेष प्रोत्साहन के पात्र होंगे, उन्हें भी उद्योग लगाने पर कई सुविधाओं में छूट मिलेगी। सरकार ने ब्याज अनुदान, लागत पूंजी अनुदान, स्टाम्प शुल्क छूट, विद्युत शुल्क छूट, वैल्यू एडेड टैक्स का प्रावधान किया है। नई नीति में मंडी शुल्क छूट, दिव्यांग (निशक्त) रोजगार अनुदान, पर्यावरणीय प्रोजेक्ट अनुदान, परिवहन अनुदान, नेट राज्य वस्तु एवं सेवा कर में भी छूट देने के प्रावधान हैं। नई औद्योगिक नीति भारत सरकार के विजन 2047 पर फोकस की गई है। राज्य के प्रशिक्षित लोगों को रोजगार से जोड़ने के लिए उद्योगों के लिए प्रति व्यक्ति 15 हजार रुपए का ट्रेनिंग फंड देने का नियम बनाया गया है।