सीजी भास्कर, 03 जनवरी। बिलासपुर हाईकोर्ट ने यौन उत्पीड़न की शिकार एक नाबालिग को गर्भ गिराने की अनुमति दे दी है। दरअसल हाईकोर्ट ने जबरन यौन संबंध से गर्भवती हुई नाबालिग की गर्भपात की अनुमति मांगने वाले याचिका को स्वीकार किया है। कोर्ट ने कहा बलात्कार पीड़िता को गर्भपात की अनुमति दी जा सकती है, यह उसके मानसिक स्वास्थ्य पर गंभीर चोट है क्योंकि उसे बलात्कारी के बच्चे को जन्म देने बाध्य नहीं किया जा सकता है।
आपको बता दें कि सारंगढ़-बिलाईगढ़ जिला निवासी नाबालिग जबरन यौन संबंध बनाए जाने से गर्भवती हो गई। उसने अपने अभिभावक के माध्यम से गर्भ को समाप्त करने अनुमति दिए जाने के लिए हाईकोर्ट में 30 दिसंबर को याचिका पेश की। उसकी याचिका पर विशेष कोर्ट लगाकर सुनवाई की गई। जस्टिस विभु दत्त गुरू ने रायगढ़ कलेक्टर को मेडिकल बोर्ड का गठन कर पीड़िता की जांच कर रिपोर्ट पेश करने का आदेश दिया था। जांच रिपोर्ट में पीड़िता के 24 सप्ताह 6 दिन का गर्भ होने एवं भ्रूण के स्वस्थ होने की रिपोर्ट दी गई। इसके साथ गर्भ समाप्त करने अनुमति दी गई। रिपोर्ट आने के बाद जस्टिस गुरू ने पीड़िता को आज सरकारी अस्पताल में भर्ती होने तथा विशेषज्ञ चिकित्सकों द्बारा आईसीयू भर्ती कर गर्भपात करने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने इस मामले पर सनुवाई करते हुए आगे कहा कि बलात्कार की पीड़िता को इतनी आजादी और अधिकार मिलना ही चाहिए। यह तय करता है कि उसे गर्भावस्था जारी रखनी चाहिए या नहीं। इस मामले में हाईकोर्ट ने आरोपी के खिलाफ अपराध पंजीबद्ब होने के कारण गर्भपात के बाद भ्रूण को डीएनए टेस्ट के लिए सुरक्षित रखने का निर्देश दिया है।
गौरतलब हो कि कानूनन 20 सप्ताह से अधिक के गर्भ को समाप्त करने के लिए कोर्ट की अनुमति आवश्यक है। बिना कोर्ट से अनुमति लिए गर्भपात नहीं किया जा सकता।