सीजी भास्कर, 9 नवंबर। दशकों बाद (CG Tourism) गंगरेल बांध क्षेत्र में पर्यटन विकास की दिशा में बड़ा कदम उठाया जा रहा है। गंगरेल बांध अपने आप में द्वीपों का सुंदर समूह है, जहां कुल 7 आईलैंड (द्वीप) हैं। अब इस समूह के ठेमली आईलैंड से पर्यटन विकास की शुरुआत की जा रही है।
वन विभाग द्वारा भेजे गए पहले चरण के प्रस्ताव को शासन से मंजूरी मिल चुकी है, और इसके लिए 1 करोड़ रुपये की राशि स्वीकृत भी हो गई है। इस पूरे प्रोजेक्ट की अनुमानित लागत लगभग 6 करोड़ रुपये है, जिसे अलग-अलग चरणों में पूरा किया जाएगा। ठेमली आईलैंड लगभग 15 एकड़ क्षेत्र में फैला है और इसे ईको टूरिज्म (Eco Tourism in Chhattisgarh) के रूप में विकसित किया जाएगा।
चारों दिशाओं में पानी से घिरा ठेमली आईलैंड
ठेमली आईलैंड (Themli Island) प्राकृतिक सौंदर्य का अद्भुत संगम है। यह चारों ओर से पहाड़ों से घिरा हुआ है और सभी दिशाओं में पानी फैला है। पहले चरण में यहां आने-जाने के लिए रास्ता बनाया जाएगा, ताकि मजदूरों और पर्यटकों को किसी प्रकार की दिक्कत न हो। पाथ-वे निर्माण किया जाएगा, लेकिन पेड़ों की कटाई नहीं की जाएगी। इसके लिए दो अलग-अलग एरिया का चिन्हांकन किया गया है।
आईलैंड से बेहतरीन व्यू (Best View Point) के लिए 25 मीटर ऊंचा वॉच टॉवर बनाया जाएगा। पर्यटकों के लिए यहां खाने-पीने की सुविधा देने हेतु एक कैफे का भी निर्माण प्रस्तावित है। इसके साथ ही ईको-फ्रेंडली कॉटेज (Eco-friendly Cottages) भी बनाए जाएंगे, जिससे ठहरने की व्यवस्था हो सके।
गंगरेल में 7 टापू, हर जगह अलग खूबसूरती
गंगरेल बांध (Gangrel Dam) छत्तीसगढ़ का दूसरा सबसे बड़ा बांध है, जो हरियाली और शांत वातावरण के लिए प्रसिद्ध है। यहां छोटे-बड़े मिलाकर कुल सात टापू हैं — ठेमली, गुंडरा, ठेमसरा, नंगारा, नकटीदेव, रामटेकरी और सटियारा। सटियारा टापू पर गांधी मंदिर स्थित है, जो धार्मिक दृष्टि से भी महत्व रखता है।
बांध के आसपास का इलाका पहाड़ियों और जलाशयों से घिरा हुआ है, जिससे यहां का नजारा किसी स्वर्ग से कम नहीं दिखता। गंगरेल बांध की हरियाली, विदेशी पक्षियों की मौजूदगी और रंग-बिरंगी तितलियों का सौंदर्य यहां आने वाले पर्यटकों को आकर्षित करता है। (CG Eco Tourism) ठेमली आईलैंड विकसित होने के बाद यह जगह रोमांचक गतिविधियों, बोटिंग और प्राकृतिक सौंदर्य का संगम बन जाएगी।
बोटिंग पाइंट से ठेमली आईलैंड की दूरी सिर्फ 4 किलोमीटर
गंगरेल बांध के पास स्थित अंगारमोती मंदिर से 200 मीटर पहले बोटिंग पाइंट है। इसी बोटिंग पाइंट से ठेमली आईलैंड की दूरी मात्र चार किलोमीटर है। इसके अलावा एक वैकल्पिक रास्ता भी बनाया जाएगा, जिसकी दूरी सिर्फ 1 किलोमीटर होगी।
सभी निर्माण कार्य पर्यावरण वानिकी मद (Environment and Forestry Fund) से किए जाएंगे। अगर छत्तीसगढ़ सरकार गंगरेल बांध के बाकी द्वीपों को भी इसी तरह विकसित करती है, तो यह क्षेत्र मध्य भारत (Central India Tourism) का सबसे आकर्षक पर्यटन स्थल बन सकता है।
10 दिनों में शुरू होगा निर्माण कार्य
डीएफओ श्रीकृष्ण जाधव ने बताया कि पहले चरण में भेजे गए डीपीआर को मंजूरी मिल चुकी है और 1 करोड़ रुपये की राशि भी जारी कर दी गई है। टेंडर प्रक्रिया पूरी होने के बाद अगले 10 दिनों के भीतर ठेमली आईलैंड में काम शुरू हो जाएगा। पहले चरण में वॉच टॉवर, कैफे, आवागमन रास्ता और बेसिक इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार किया जाएगा। इसके बाद दूसरे चरण में आईलैंड के आसपास की गतिविधियों का विकास किया जाएगा। गंगरेल क्षेत्र के लोगों में इस परियोजना को लेकर उत्साह है। उन
