सीजी भास्कर, 11 दिसंबर। बिलासपुर के सबसे बड़े सरकारी मेडिकल कॉलेज और अस्पताल सिम्स में लगातार उठ रही अव्यवस्था (CGMSC Tender Process) की शिकायतों के बीच प्रबंधन ने मंगलवार को हाईकोर्ट में अपनी ओर से उठाए गए सुधारात्मक कदमों का विस्तृत शपथपत्र पेश किया। व्यवस्थाओं को दुरुस्त करने के लिए किए गए बदलावों, नई मशीनों की खरीदी और अस्पताल सेवाओं में जारी सुधारों की जानकारी कोर्ट को दी गई।
चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा और जस्टिस बीडी गुरु की बेंच ने दस्तावेजों को देखते हुए कहा कि अब तक जो कदम उठाए गए हैं, वे सकारात्मक दिशा की ओर संकेत करते हैं, लेकिन “स्थायी सुधार सुनिश्चित करने के लिए लगातार मॉनिटरिंग जरूरी है।” बेंच ने साफ किया कि मरीजों की बढ़ती संख्या और सिम्स की क्षेत्रीय महत्वता को देखते हुए सेवा मानकों में ढिलाई बर्दाश्त नहीं की जा सकती।
ड्रग डिस्ट्रीब्यूशन सेंटर का विस्तार, लैब सुधार पर जोर
सुनवाई के दौरान सिम्स प्रबंधन ने बताया कि मरीजों की लाइन कम करने के लिए ड्रग डिस्ट्रीब्यूशन सेंटर का विस्तार किया गया है और अतिरिक्त काउंटर शुरू (CGMSC Tender Process) किए गए हैं। लैब सेवाओं की गुणवत्ता बढ़ाने के उद्देश्य से एनएबीएल की कार्यशाला आयोजित कर टेक्नीशियन को सैंपल कलेक्शन और रिपोर्टिंग स्टैंडर्ड्स की ट्रेनिंग दी गई है।
नवजात शिशु सप्ताह के दौरान संक्रमण नियंत्रण, नवजात देखभाल और स्तनपान जागरूकता पर विशेष कार्यक्रम चलाए गए, वहीं विश्व एड्स दिवस पर भी अभियान आयोजित किया गया। मामले की अगली सुनवाई 17 दिसंबर को तय की गई है।
मोबाइल पर मॉनिटरिंग—सफाई और सुरक्षा की रियल टाइम रिपोर्टिंग
प्रबंधन ने कोर्ट को बताया कि अस्पताल की सफाई और सुरक्षा व्यवस्था पर निगरानी में तेजी लाने के लिए एक अलग व्हाट्सऐप समूह (CGMSC Tender Process) तैयार किया गया है, जिसे डीन और मेडिकल सुपरिंटेंडेंट स्वयं मॉनिटर कर रहे हैं। छुट्टियों और रात के समय भी वरिष्ठ डॉक्टर राउंड ले रहे हैं, ताकि कमियों पर तुरंत कार्रवाई की जा सके।
ठंड से राहत: 1600 कंबल बांटे, 96 एयर स्टेरलाइजर लगाए जा रहे
ठंड बढ़ने के साथ ही मरीजों की जरूरत को देखते हुए 1600 कंबल वितरित किए गए हैं। वहीं अस्पताल में 96 एयर स्टेरलाइजर और HEPA फिल्टर मशीनें लगाए जाने की प्रक्रिया शुरू है। प्रबंधन का कहना है कि मंजूरी मिलते ही इन मशीनों का इंस्टॉलेशन तेज किया जाएगा, जिससे संक्रमण नियंत्रण में मदद मिलेगी।
CGMSC का जवाब—5 बिडर आए, तकनीकी मूल्यांकन जारी
CGMSC की ओर से कोर्ट को बताया गया कि नई मेडिकल मशीनों की खरीदी के लिए जारी टेंडर में पांच बिड प्राप्त हुई हैं। उपकरणों को पाँच अलग श्रेणियों में बांटा गया है। नियम के अनुसार, किसी भी श्रेणी में तीन से कम बिडर होने की स्थिति में री-टेंडर किया जाएगा।
तकनीकी मूल्यांकन चार से पांच दिनों में पूरा होने की संभावना है और इसी महीने के भीतर आगे की प्रक्रिया शुरू करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
कोर्ट की टिप्पणी—“कदम सकारात्मक, पर स्थाई सुधार लक्ष्य होना चाहिए”
बेंच ने यह भी कहा कि सिम्स जैसी प्रमुख स्वास्थ्य संस्था में सुधारों को केवल दस्तावेज़ों या औपचारिक कार्रवाइयों तक सीमित नहीं रहना चाहिए। निरंतर समीक्षा और जवाबदेही से ही स्थायी परिवर्तन लाया जा सकता है।


