सीजी भास्कर, 15 अक्टूबर। राज्य के बहुचर्चित शराब घोटाले (Liquor Scam Case) से जुड़े मनी लांड्रिंग मामले में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल की मुश्किलें अभी खत्म होती नहीं दिख रहीं। स्पेशल एसीबी-ईओडब्ल्यू कोर्ट ने बुधवार को सुनवाई के दौरान चैतन्य बघेल की न्यायिक रिमांड 14 दिन और बढ़ाते हुए 29 अक्टूबर तक बढ़ाने का आदेश दिया है।
इसका अर्थ है कि चैतन्य बघेल इस बार दिवाली जेल में ही मनाएंगे।
मनी लांड्रिंग केस में फंसे चैतन्य बघेल
ईडी (Enforcement Directorate) और ईओडब्ल्यू (Economic Offences Wing) के वकीलों ने अदालत में बताया कि चैतन्य बघेल शराब घोटाले से जुड़ी मनी लांड्रिंग गतिविधियों में सक्रिय भूमिका निभा रहे थे। ईओडब्ल्यू का दावा है कि पूछताछ के दौरान चैतन्य से महत्वपूर्ण वित्तीय जानकारी और कुछ अहम दस्तावेज मिले हैं।
बता दें कि ईओडब्ल्यू ने 13 अक्टूबर को चार्जशीट दाखिल करने के लिए अतिरिक्त समय मांगा था, लेकिन समयसीमा समाप्त होने के बावजूद चार्जशीट प्रस्तुत नहीं की जा सकी।
इसके बाद कोर्ट ने 15 अक्टूबर तक का समय दिया था, पर अब तक चार्जशीट दाखिल नहीं की गई है।
16.70 करोड़ की रकम को दिखाया वैध
ईडी के अनुसार, चैतन्य बघेल ने शराब घोटाले से प्राप्त 16.70 करोड़ रुपये की अवैध कमाई को वैध दिखाने के लिए रियल एस्टेट प्रोजेक्ट्स में निवेश किया। एजेंसी का दावा है कि इस घोटाले में करीब 1000 करोड़ रुपये के सिंडिकेट के जरिए हेराफेरी की गई थी। चैतन्य बघेल को ईडी ने 18 जुलाई 2025 को गिरफ्तार किया था और तभी से वह न्यायिक हिरासत में हैं।
अगली सुनवाई 29 अक्टूबर को
अब कोर्ट ने अगली सुनवाई 29 अक्टूबर 2025 को तय की है। कानूनी विशेषज्ञों का कहना है कि चार्जशीट दाखिल न होने से जांच एजेंसियों पर दबाव बढ़ सकता है। वहीं, बचाव पक्ष के वकील का तर्क है कि ईडी और ईओडब्ल्यू के पास अब तक चैतन्य बघेल के खिलाफ ठोस सबूत नहीं हैं।