सीजी भास्कर, 19 अगस्त। छत्तीसगढ़ के चर्चित शराब घोटाले और मनी लॉन्ड्रिंग केस में बड़ा अपडेट सामने आया है।
रायपुर की विशेष अदालत ने मंगलवार को पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल को 5 दिन की प्रवर्तन निदेशालय (ED) कस्टोडियल रिमांड पर भेजने का आदेश दिया।
अब 23 अगस्त तक ED की टीम उनसे गहन पूछताछ करेगी।
अदालत में पेशी और फैसला
चैतन्य बघेल पिछले एक महीने से न्यायिक रिमांड पर जेल में बंद थे। मंगलवार को उन्हें विशेष अदालत में पेश किया गया। इससे पहले सोमवार को अदालत में शोक संवेदना (कंडोलेंस) होने के चलते उन्हें एक दिन की न्यायिक रिमांड पर भेजा गया था।
आज की सुनवाई में ED ने अदालत से और समय मांगा, यह कहते हुए कि नए सबूत और गवाहों के बयान सामने आए हैं, जिन पर चैतन्य से पूछताछ जरूरी है।
दलीलों पर सुनवाई के बाद अदालत ने 5 दिन की कस्टोडियल रिमांड को मंजूरी दी। इस दौरान भूपेश बघेल भी अदालत में मौजूद रहे और बेटे की पेशी पर नजर बनाए रखी।
गिरफ्तारी और आरोप
ED ने 18 जुलाई को भिलाई से चैतन्य बघेल को गिरफ्तार किया था। उन पर आरोप है कि शराब घोटाले की रकम में से 16.70 करोड़ रुपये उन्हें मिले।
- यह पैसा कथित तौर पर रियल एस्टेट प्रोजेक्ट्स में निवेश किया गया।
- ब्लैक मनी को वाइट करने के लिए फर्जी निवेश और हवाला ट्रांजेक्शन दिखाए गए।
- ED का दावा है कि शराब सिंडिकेट के साथ मिलकर करीब 1000 करोड़ रुपये की हेराफेरी हुई।
विट्ठल ग्रीन प्रोजेक्ट पर ED की नजर
चैतन्य बघेल की कंपनी बघेल डेवलपर्स के "विट्ठल ग्रीन प्रोजेक्ट" को जांच के दायरे में लिया गया है।
- आरोप है कि इस प्रोजेक्ट में शराब घोटाले का पैसा लगाया गया।
- वास्तविक खर्च करीब 13 से 15 करोड़ रुपये था, लेकिन रिकॉर्ड में केवल 7.14 करोड़ रुपये दर्शाए गए।
- एक ठेकेदार को 4.2 करोड़ रुपये कैश में भुगतान किया गया, जिसका कोई हिसाब-किताब नहीं मिला।
कंसल्टेंट राजेंद्र जैन ने भी ED को बयान दिया कि प्रोजेक्ट पर खर्च और बहीखाते में दर्ज रकम मेल नहीं खाते, जिससे ब्लैक मनी के इस्तेमाल की पुष्टि होती है।
त्रिलोक सिंह ढिल्लो का ट्रांजेक्शन
जांच में सामने आया कि कारोबारी त्रिलोक सिंह ढिल्लो ने बघेल डेवलपर्स को 5 करोड़ रुपये ट्रांसफर किए।
- इस रकम से 19 फ्लैट खरीदे गए।
- सभी फ्लैट ढिल्लो के कर्मचारियों के नाम पर रजिस्ट्री कराई गई।
- पूछताछ में कर्मचारियों ने स्वीकार किया कि भुगतान ढिल्लो ने किया था।
ED का कहना है कि यह ब्लैक मनी को वैध दिखाने की पूर्व-योजना थी, जिससे अंततः रकम चैतन्य बघेल तक पहुंची।
राजनीतिक हलचल
चैतन्य बघेल की गिरफ्तारी और अब कस्टोडियल रिमांड ने छत्तीसगढ़ की राजनीति में हलचल मचा दी है।
- भूपेश बघेल इसे राजनीतिक साजिश बता रहे हैं। उनका आरोप है कि भाजपा और केंद्र सरकार विपक्षी नेताओं को निशाना बनाने के लिए ED का दुरुपयोग कर रही है।
- वहीं भाजपा नेताओं का कहना है कि कानून अपना काम कर रहा है और भ्रष्टाचार करने वालों को जवाब देना ही होगा।
शराब घोटाले को लेकर भाजपा लंबे समय से कांग्रेस सरकार को घेरती रही है। अब पूर्व मुख्यमंत्री के बेटे का नाम सीधे तौर पर सामने आने से भाजपा का हमला और तेज होना तय माना जा रहा है।