सीजी भास्कर, 23 अगस्त : प्रदेश में मंत्रिपरिषद विस्तार के बाद विपक्ष लगातार हमलावर है। मंत्रिपरिषद में 13 की जगह 14 मंत्री बनाए जाने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने मंत्रिपरिषद विस्तार को असंवैधानिक होने का आरोप लगाते हुए सवाल खड़े किए थे। अब नेता प्रतिपक्ष डा. चरण दास महंत ने भी मोर्चा खोल दिया है। उन्होंने राज्यपाल रमेन डेका को पत्र लिखकर मंत्रिपरिषद से एक अतिरिक्त मंत्री को हटाए जाने की मांग की है।
उन्होंने पत्र में लिखा है कि भारत के संविधान का अनुच्छेद 164 (1क) कहता है कि किसी राज्य की मंत्रिपरिषद के मुख्यमंत्री सहित मंत्रियों की कुल संख्या उस राज्य की विधानसभा के सदस्यों की कुल संख्या के 15 प्रतिशत से अधिक नहीं होगी। लेकिन, किसी राज्य में मुख्यमंत्री सहित मंत्रियों की संख्या 12 से कम नहीं होगी। किसी राज्य में मंत्रिपरिषद की संख्या इस सीमा से अधिक हो जाती है तो छह महीने के अंदर इसे निर्धारित सीमा में लाना आवश्यक है।
विधानसभा में कुल 90 सदस्य हैं। संविधान के अनुसार मंत्रिपरिषद की अधिकतम संख्या 15 प्रतिशत यानी 13.50 से अधिक नहीं हो सकती। 20 अगस्त को तीन नए मंत्रियों के शपथ लेने के बाद मंत्रिपरिषद की संख्या मुख्यमंत्री सहित 14 हो गई है। यह संख्या निर्धारित सीमा से अधिक है, जो स्पष्ट रूप से अनुच्छेद 164 (1क) का उल्लंघन है। उन्होंने अनुरोध किया है कि 14 मंत्रियों में से एक को हटाते हुए संविधान का पालन किया जाए।