रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा के रजत जयंती वर्ष पर आयोजित संसदीय रिपोर्टिंग कार्यशाला में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने संसदीय पत्रकारिता की अहम भूमिका को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि विधानसभा की कार्यवाही को आमजनों तक पहुंचाने में पत्रकारों की भूमिका लोकतंत्र को मजबूत करने वाली है।
विधानसभा की 25 वर्षों की यात्रा में पत्रकारिता का रहा विशेष योगदान
मुख्यमंत्री ने कहा—
“छत्तीसगढ़ विधानसभा ने 25 वर्षों में लोकतंत्र को मजबूत किया है। विधायकों की तरह संसदीय पत्रकार भी लोकतंत्र के प्रहरी हैं। वे जनता की आंख-कान बनकर सदन की गतिविधियों को निष्पक्षता से पहुंचाते हैं।”
साय ने बताया कि जैसे विधायकों के लिए कार्यशालाएं आयोजित की गईं, वैसे ही पत्रकारों को प्रशिक्षित करने की यह पहल स्वागतयोग्य है।
विधानसभा अध्यक्ष रमन सिंह का संबोधन: पत्रकारिता बनी लोकतंत्र की आवाज़
विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने कहा कि संसदीय पत्रकारिता सदन की गोपनीयता, अनुशासन और गरिमा को बनाए रखते हुए जनता तक सटीक जानकारी पहुंचाती है। उन्होंने कहा—
“पक्ष-विपक्ष से परे रहकर जब पत्रकार निष्पक्ष रिपोर्टिंग करते हैं, तब लोकतंत्र सशक्त होता है।”
उन्होंने पत्रकारों से अपील की कि वे विधानसभा की प्रक्रिया को सरल और जनसुलभ भाषा में प्रस्तुत करें।
नेता प्रतिपक्ष चरणदास महंत ने की नारद परंपरा से तुलना
नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत ने संसदीय पत्रकारों को नारद मुनि की परंपरा से जोड़ते हुए कहा कि वे समयबद्धता और सजगता के साथ लोकतंत्र के वाहक हैं। उन्होंने कहा—
“संसदीय पत्रकारिता को समझने और बेहतर रिपोर्टिंग के लिए यह कार्यशाला अत्यंत उपयोगी सिद्ध होगी।”
उन्होंने अपनी लंबी संसदीय यात्रा के अनुभव साझा करते हुए संसदीय पत्रकारों की सजगता, सटीकता और संवेदनशीलता की सराहना की।
पत्रकारों को मिलेगा सम्मान और प्रोत्साहन
मुख्यमंत्री साय ने विधानसभा द्वारा उत्कृष्ट पत्रकारों को सम्मानित करने की परंपरा को सराहा और कहा कि इससे पत्रकारों का मनोबल बढ़ता है और संसदीय रिपोर्टिंग को नया आयाम मिलता है।