छत्तीसगढ़ विधानसभा में सोमवार सुबह Chhattisgarh Assembly Special Session की शुरुआत राष्ट्रगीत और राज्यगीत के साथ हुई, और जैसे ही सदन में आवाज़ गूंजी, माहौल अचानक भावुकता से भर गया। यह केवल एक सत्र नहीं था, बल्कि उन दीवारों को औपचारिक विदाई देने का क्षण था, जिन्होंने प्रदेश की लोकतांत्रिक यात्रा के अनगिनत फैसलों को अपनी गवाही में समेटा हुआ है।
पुराने भवन की छतों, गलियारों और दर्शक दीर्घा में बैठे वरिष्ठ प्रतिनिधियों को देखकर यह एहसास साफ झलक रहा था कि यह दिन आने वाला था, लेकिन इतना भावुक होगा—शायद किसी ने नहीं सोचा था।
पूर्व विधायकों की मौजूदगी ने बढ़ाया महत्व, सदन में गूंजा अनुभवों का सिलसिला
सत्र की शुरुआत के बाद सदन में बैठे वर्तमान और पूर्व विधायकों ने इस Farewell Session को एक ऐतिहासिक अवसर बताते हुए अपने अनुभव साझा किए। दर्शक दीर्घा में मौजूद कई वरिष्ठ जनप्रतिनिधियों ने बताया कि यह भवन केवल बहस का स्थान नहीं था—यह सीखने, टकराव, समझौते और जनहित के फैसलों का मंच रहा है।
कई पूर्व सदस्यों ने मुस्कान में छिपे भावनात्मक कंपन को संभालते हुए कहा कि यह आखिरी सत्र उन यादों का संग्रहालय है, जिन्हें वे अपने साथ लेकर जा रहे हैं।
Chhattisgarh Assembly Special Session : दिवंगत सदस्यों को श्रद्धांजलि, योगदानों की गूंज से भर गया सदन
सत्र के दौरान विधानसभा अध्यक्ष ने उन दिवंगत सदस्यों को याद किया, जिन्होंने प्रदेश की राजनीतिक संरचना को धार देने में योगदान दिया था। उनके नामों का उल्लेख होते ही सदन में एक ऐसी खामोशी छा गई जो सम्मान और संवेदना दोनों को अपने भीतर समेटे हुए थी।
यही नहीं, मुख्यमंत्री सहित सभी सदस्यों ने यह स्वीकार किया कि पुराने भवन का Old Assembly Building के रूप में इतिहास अब भी प्रदेश की राजनीतिक स्मृतियों में सहेजा जाएगा।
विधायकों ने साझा की यादें, फैसलों की प्रतिध्वनि बनी भावनाओं की वजह
कई विधायकों ने अपने कार्यकाल की महत्वपूर्ण घटनाओं को याद करते हुए कहा कि इस भवन में हुई चर्चाएं, मोशन, तनाव और समाधान—सब कुछ उन्हें बार-बार इस जगह से जोड़े रखेगा।
उन्होंने यह भी कहा कि यह सत्र केवल समापन नहीं है, बल्कि एक नई शुरुआत की दहलीज है, जहाँ से New Assembly Era की शुरुआत होगी। तकनीक से सुसज्जित नया परिसर भले ही आधुनिक होगा, पर इन दीवारों में बसी यादों को कोई बदल नहीं सकता।
Chhattisgarh Assembly Special Session : नए भवन में उच्च तकनीक के साथ कार्यवाही, लेकिन पुरानी पहचान रहेगी ज़िंदा
सत्र के अंत में यह साफ दिखाई दिया कि नया भवन आधुनिक संसाधनों और विस्तारित सुविधाओं से भले ही भरा हो, लेकिन पुरानी इमारत की ऐतिहासिक पहचान और उससे जुड़ी संवेदनाएँ हमेशा इस संक्रमण को खास बनाए रखेंगी।
विधायकों ने स्वीकार किया कि यह बदलाव Future Legislative Phase की शुरुआत है, लेकिन पुराना सभागार हमेशा छत्तीसगढ़ की लोकतांत्रिक यात्रा का प्रतीक बना रहेगा।
