सीजी भास्कर 10 अक्टूबर Chhattisgarh Girl Treatment (छत्तीसगढ़ गर्ल ट्रीटमेंट) की यह कहानी इंसानियत और आपसी सहयोग की मिसाल पेश करती है। बीजापुर के एक छोटे से गांव ने मिलकर उस बच्ची का इलाज कराया, जिसके दिल में छेद था और इलाज पर 25 लाख रुपये का खर्च आ रहा था। गरीब किसान परिवार इस रकम की कल्पना भी नहीं कर सकता था, लेकिन गांव ने हाथ बढ़ाए और बच्ची को नई जिंदगी दी।
बच्ची की बीमारी और पिता की मजबूरी
बीजापुर जिले के भोपालपटनम ब्लॉक के वरदल्ली गांव की 11 साल की शंभावी लंबे समय से दिल की गंभीर बीमारी से जूझ रही थी। डॉक्टरों ने बताया कि उसका वॉल्व पूरी तरह खराब हो गया है और ऑपरेशन पर करीब 25 लाख रुपये खर्च होंगे। शंभावी के पिता विक्कू एक छोटे किसान हैं, जिनकी मासिक आमदनी महज 2500 रुपये है। इतनी कमाई में परिवार का खर्च चलाना ही मुश्किल था, ऐसे में महंगा इलाज कराना नामुमकिन था।
गांव बना सहारा, जुटाए लाखों रुपये
ऐसे हालात में गांव वालों ने शंभावी और उसके परिवार का दर्द अपना समझा। धीरे-धीरे मदद के हाथ बढ़े और रायपुर तक लोगों ने सहयोग करना शुरू किया। देखते ही देखते 25 लाख रुपये की राशि इकट्ठा हो गई। गांव वालों के साथ-साथ पुलिस अफसरों और कुछ जनप्रतिनिधियों ने भी आर्थिक मदद की, जिससे इलाज का रास्ता साफ हुआ।
ऑपरेशन के बाद नई जिंदगी
सभी के सामूहिक प्रयास से शंभावी का ऑपरेशन सफल रहा। अब वह पहले से काफी बेहतर है और सामान्य जिंदगी जी पा रही है। शंभावी के परिवार की आंखों में आंसू थे, लेकिन ये आंसू खुशी और राहत के थे। गांव वालों ने साबित कर दिया कि सामूहिक एकता किसी भी मुश्किल को आसान बना सकती है।
इंसानियत की मिसाल
इस घटना ने दिखा दिया कि Chhattisgarh Girl Treatment जैसी मिसालें समाज को इंसानियत का असली अर्थ सिखाती हैं। जहां एक गरीब किसान का परिवार 25 लाख का खर्च कभी सोच भी नहीं सकता था, वहीं गांव की दरियादिली ने बच्ची को जीवनदान दिया।