सीजी भास्कर, 29 सितंबर। छत्तीसगढ़ में (Chhattisgarh Investment Drive) निवेश बढ़ाने के लिए राज्य सरकार ने संभाग आयुक्तों के माध्यम से जिला कलेक्टरों को फरमान जारी किया है। सामान्य प्रशासन विभाग की ओर से इसी महीने जारी दिशा-निर्देशों में स्पष्ट है कि प्रदेश में औद्योगिक निवेश की फाइलों को लेकर लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी, बल्कि निवेश के संबंध में जिला प्रशासन की उपलब्धियों व खामियों को कलेक्टरों के वार्षिक गोपनीय प्रतिवेदन में उल्लेख किया जाएगा।
कलेक्टरों को कहा गया है कि हर महीने बैठक में (Chhattisgarh Investment Drive) निवेश की प्रगति की रिपोर्ट सरकार के साथ राज्य निवेश प्रोत्साहन बोर्ड को उपलब्ध करानी है।
विभाग से मंजूरी, कलेक्ट्रेट में रुकी कई फाइलें
जानकारी के मुताबिक सामान्य प्रशासन विभाग को यह पत्र इसलिए भी जारी करना पड़ा कि अलग-अलग विभागों से अनुमति मिलने के बाद कई जिलों में कलेक्ट्रेट से फाइलें रुकी हुई है। इसकी वजह से सही समय पर निवेश धरातल पर नहीं उतर सका है। कलेक्टरों को कहा गया है कि (Chhattisgarh Investment Drive) निवेश की फाइलों को प्राथमिकता दें।
जमीनों की उपलब्धता पर बड़ा पेच
औद्योगिक संगठनों के प्रतिनिधियों का कहना है कि निवेश के लिए सबसे बड़ा पेच जमीनों की उपलब्धता को लेकर है। कई जिलों में जनसुनवाई अटकी हुई है। स्थानीय प्रशासन के साथ मिलकर इस पेच को खत्म किया जा सकता है। जरूरत के आधार पर जमीनों की मांग पूरी नहीं हो पा रही है।
Chhattisgarh Investment Drive नई औद्योगिक नीति 2024-30
प्रदेश में नई औद्योगिक नीति 2024-30 लागू की गई है। इसके अंतर्गत सरकार ने निवेशकों को आकर्षित करने के लिए सब्सिडी, जमीन की उपलब्धता, 1000 से अधिक रोजगार देने वाली इकाइयों के लिए बी-स्पोक पालिसी, प्रति व्यक्ति 15000 रुपए तक प्रशिक्षण अनुदान आदि शामिल हैं।
एक नजर में
वित्तीय वर्ष 2025- 163749 करोड़ रुपए का निवेश 218 परियोजनाओं में
उद्योगों को सब्सिडी- 30 से 50 प्रतिशत
सरकार का लक्ष्य- 5 साल में 5 लाख रोजगार
राज्य में निवेश बढ़ाने के लिए (Chhattisgarh Investment Drive) सरकार ने नई औद्योगिक नीति 2024-30 लागू की है। अलग-अलग सेक्टर में निवेश को गति देने के लिए विभागों के साथ बैठकें जारी हैं। निवेश को आकर्षित करने के लिए सामान्य प्रशासन विभाग के माध्यम से पत्र जारी किया गया है।