सीजी भास्कर, 30 जून |
छत्तीसगढ़ को आज 13वां मुख्य सचिव मिल सकता है। रेस में सबसे आगे सुब्रत साहू हैं। वहीं मनोज पिंगुआ के नाम की भी चर्चा है। इसका ऐलान जल्द हो सकता है। बता दें कि आज अमिताभ जैन रिटायर हो रहे हैं। इससे ठीक एक दिन पहले मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने राज्यपाल से अचानक मुलाकात की।
राजनीतिक और प्रशासनिक कारणों से इस मुलाकात को देखा जा रहा है। नए मंत्रियों को भी कैबिनेट में शामिल करने पर विचार चल रहा है। वहीं सीएम सचिवालय ने दोनों की तस्वीरें जारी कर आधिकारिक तौर पर बताया कि राजभवन में मुख्यमंत्री और राज्यपाल के बीच मुलाकात हुई। सीएम साय ने उन्हें शॉल भेंट कर सम्मानित किया। इस मौके पर राज्य हित से जुड़े विषयों पर चर्चा हुई।
सुब्रत साहू का नाम रेस में सबसे आगे
मुख्य सचिव बनाए जाने में बड़ा नाम सुब्रत साहू का सामने आ रहा है। सुब्रत साहू छत्तीसगढ़ कैडर के 1992 बैच के आईएएस है। एक सर्वे ने सुब्रत साहू को देश के 50 प्रभावशाली आईएएस में शामिल किया था। मुख्य सचिव बनाए जाने में दूसरे नंबर पर चॉइस सुब्रत हैं।
वर्तमान में राज्य सरकार की महत्वपूर्ण रामलला तीर्थ दर्शन योजना में महत्वपूर्ण भागीदारी निभा रहे हैं। वो इस वक्त धार्मिक न्यास व धर्मस्व विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव हैं।
पिंगुआ के नाम की भी चर्चा
प्रदेश के 1994 बैच के सीनियर IAS अफसरों में से एक मनोज पिंगुआ के नाम की भी चर्चा है। सूत्रों की माने तो उनके नाम का ऐलान हो सकता है। चर्चा ये भी है कि इस डेवलपमेंट की जानकारी मुख्यमंत्री ने राज्यपाल को दी होगी।
मनोज पिंगुआ हाल ही में दिल्ली में प्रधानमंत्री कार्यालय के कुछ अफसरों से मिलने पहुंचे थे। इसके बाद से अब यह बात तय मानी जा रही है कि पिंगुआ मुख्य सचिव बनाए जा सकते हैं।
अब जानिए सीनियर IAS मनोज पिंगुआ के बारे में ?
वो साफ-सुथरी छवि के साथ बहुत ही शांत प्रशासनिक अधिकारी माने जाते हैं। मुख्यमंत्री सचिवालय की पहली पसंद भी हैं। वर्तमान में मनोज कुमार पिंगुआ गृह,जेल, विभाग के अपर मुख्य सचिव हैं। मनोज पिंगुआ वर्तमान में छत्तीसगढ़ आईएएस एसोसिएशन के अध्यक्ष हैं।
मनोज पिंगुआ लंबे समय से गृह और जेल विभाग के प्रमुख सचिव रहें। वे व्यावसायिक परीक्षा मंडल और माध्यमिक शिक्षा मंडल के अध्यक्ष भी रहे हैं। मनोज पिंगुआ विभिन्न जिलों में कलेक्टर रहे। जांजगीर-चांपा जिला निर्माण के बाद वे दूसरे कलेक्टर बने।
जांजगीर-चांपा जिले के दूसरे कलेक्टर बने थे
जिले के पहले कलेक्टर डॉक्टर वीएस निरंजन 31 अक्टूबर सन 2000 को मध्यप्रदेश चले गए थे। उसके बाद मनोज पिंगुआ जांजगीर-चांपा जिले के दूसरे कलेक्टर बने। वे धमतरी और सरगुजा कलेक्टर भी रहें।2014 में मनोज पिंगुआ केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर गए थे।
प्रतिनियुक्ति पर जाने से पहले पिंगुआ छत्तीसगढ़ में आदिम जाति विकास और सामान्य प्रशासन विभाग के सचिव का पदभार संभाल रहे थे। उन्हें केंद्र में केंद्रीय जनजाति कार्य मंत्रालय में संयुक्त सचिव के पद पर प्रतिनियुक्ति मिली थी। 2016 में केंद्रीय प्रतिनियुक्ति से वापस आने के बाद उन्होंने कई विभाग सम्हालें।
ये अधिकारी भी रहे चर्चे में
- सुबोध सिंह- सेन्ट्रल डेपुटेशन से छत्तीसगढ़ लौटे IAS सुबोध सिंह को मुख्यमंत्री सचिवालय में प्रमुख सचिव बनाया गया। वो CM के साथ सरकार चलाने में अहम रोल अदा करते हैं।
- रेणु पिल्ले: 1991 बैच की आईएएस हैं। वर्तमान में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी की एसीएस हैं। व्यापमं और छत्तीसगढ़ शिक्षा बोर्ड की अध्यक्ष हैं।
- ऋचा शर्मा: 1994 बैच की आईएएस हैं। फारेस्ट एंड क्लाइमेट चेंज की एसीएस हैं।
- निधि छिब्बर: 1994 बैच की आईएएस। केंद्र में फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्री की सचिव है।
- विकासशील: 1994 बैच के आईएएस। एशियाई विकास बैंक के कार्यकारी निदेशक हैं।
स्थायी DGP भी नियुक्त होना है
IPS अरुण देव गौतम वर्तमान में अस्थायी डीजीपी हैं। प्रदेश में स्थायी DGP को नियुक्त किया जाना है। गौतम राजनेताओं और अधीनस्थ अफसरों की पसंद है। प्रशासनिक पकड़ मजबूत है। डीजीपी चार्ज संभालने के बाद अब तक कन्ट्रोवर्सी में नहीं फंसे हैं। वहीं प्रदेश में रिकॉर्ड रहा है, जो अस्थायी प्रभारी रहा है, उसे ही स्थायी पद मिला है। इन सब बातों को ध्यान में रखकर प्रबल दावेदार बताए जा रहे हैं।
लटका है मंत्रिमंडल विस्तार का मामला
छत्तीसगढ़ सरकार में नए मंत्रियों का ऐलान अब कभी-भी हो सकता है। नाम तय कर लिए गए हैं, सिर्फ घोषणा बाकी है। इससे पहले चुनावों और निगम-मंडल लिस्ट की वजह से ये ऐलान टलता रहा है।
हालांकि मीडिया के बार-बार पूछे जाने पर मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय यही कहते रहे हैं, थोड़ा इंतजार करिए। अचानक राज्यपाल से मुलाकात करने की वजह से मुद्दा फिर से चर्चा में आ चुका है कि शायद अब प्रदेश को मंत्री जल्द मिले।
मंत्रियों के 2 पद खाली
साय कैबिनेट का जब गठन हुआ तो मुख्यमंत्री सहित 12 मंत्री हैं। प्रदेश में 13 मंत्रियों को कैबिनेट में रखा जाता रहा है। तो पहले से ही एक खाली था। लोकसभा चुनाव के समय बृजमोहन अग्रवाल ने इस्तीफा दिया, तो 11 मंत्री बचे। कुल मिलाकर 2 मंत्रियों की जगह साय कैबिनेट में इस वक्त खाली है।
साय कैबिनेट में सबसे ज्यादा मंत्री सरगुजा संभाग से हैं। रायपुर दुर्ग और बस्तर संभाग से मात्र एक-एक मंत्री हैं। इसलिए इन तीनों संभाग का मंत्रिमंडल में प्रतिनिधत्व बढ़ सकता है।