रायपुर | Chhattisgarh Political News: छत्तीसगढ़ की राजनीति में नक्सलवाद एक बार फिर राजनीतिक रणभूमि बन गया है। बीजेपी और कांग्रेस अब आमने-सामने हैं और दोनों दल एक-दूसरे पर नक्सलियों से सांठगांठ के गंभीर आरोप लगा रहे हैं।
अजय चंद्राकर का बड़ा हमला: “नक्सली कांग्रेस के दामाद जैसे”
बीजेपी नेता और पूर्व मंत्री अजय चंद्राकर ने कांग्रेस पर तीखा हमला करते हुए कहा कि “कांग्रेस और नक्सलियों के रिश्ते इतने गहरे हैं जैसे नक्सली उनके दामाद हों।”
उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस शासन में बस्तर जैसे नक्सल प्रभावित क्षेत्र में नक्सलियों को खुला संरक्षण मिला, जिसके चलते आदिवासियों का शोषण बढ़ा और विकास अवरुद्ध हुआ।
चंद्राकर का दावा:
- कांग्रेस सिर्फ सहानुभूति की राजनीति करती है।
- “जमीनी स्तर पर सुरक्षा और विकास की कोई ठोस नीति नहीं बनाई गई।”
- बस्तर की दुर्दशा के लिए कांग्रेस की वामपंथी सोच जिम्मेदार है।
कांग्रेस का पलटवार: दीपक बैज बोले – “बीजेपी खुद दे जवाब”
छत्तीसगढ़ कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने जवाब देते हुए कहा:
“बीजेपी पहले ये बताए कि गृहमंत्री अमित शाह और नक्सलियों में क्या रिश्ता है, जो मंच से नक्सलियों को ‘भाई’ कहकर बुलाते हैं?”
दीपक बैज के तर्क:
- बीजेपी शासनकाल में नक्सलवाद और ज्यादा फैला।
- बस्तर में सिर्फ सैनिक दमन हुआ, विकास और संवाद की पहल नहीं की गई।
- कांग्रेस ने नक्सलवाद से निपटने के लिए स्थानीय सहभागिता और सामाजिक पहल को बढ़ावा दिया।
नक्सलवाद बना चुनावी मुद्दा?
विश्लेषकों का मानना है कि बस्तर, दंतेवाड़ा और सरगुजा जैसे आदिवासी बहुल क्षेत्रों में नक्सलवाद सिर्फ सुरक्षा नहीं, चुनावी रणनीति का भी अहम हिस्सा बन चुका है।
- बीजेपी कांग्रेस पर नक्सली हमदर्द होने का आरोप लगाती है।
- कांग्रेस बीजेपी पर आदिवासियों के दमन का आरोप लगाती है।
ऐसे में नक्सलवाद अब सिर्फ कानून व्यवस्था का नहीं, बल्कि राजनीतिक अस्त्र बन चुका है।