सीजी भास्कर, 3 अगस्त 202 : छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य विभाग में हुए 500 करोड़ रुपये से अधिक के रीएजेंट और दवा खरीदी घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने अपनी जांच की रफ्तार तेज कर दी है। जांच एजेंसी अब उन तीन वरिष्ठ आइएएस अधिकारियों से पूछताछ की तैयारी कर रही है, जो घोटाले के वक्त छत्तीसगढ़ मेडिकल सर्विसेज कॉरपोरेशन (सीजीएमएससी) में पदस्थ थे। घोटाले के मुख्य अभियुक्त शशांक चोपड़ा सहित सात लोगों को पहले ही जेल भेजा जा चुका है। ईओडब्ल्यू और एसीबी इस मामले में चार्जशीट दाखिल कर चुकी हैं, लेकिन ईडी का दावा है कि इस घोटाले में कई और बड़े नाम सामने आ सकते हैं। ईडी की सक्रियता से प्रशासनिक हलकों में खलबली मची हुई है।
छत्तीसगढ़ मेडिकल सर्विसेज कॉरपोरेशन लिमिटेड में हुए इस बड़े दवा घोटाले की जांच के तहत ईडी की टीम ने हाल ही में रायपुर, बिलासपुर और दुर्ग में 18 ठिकानों पर छापेमारी की थी। इससे पूर्व राज्य आर्थिक अपराध अन्वेषण शाखा (ईओडब्ल्यू) और एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) ने इस मामले में जांच कर मोक्षित कॉरपोरेशन दुर्ग के संचालक शशांक चोपड़ा समेत कुल सात आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था।
पूछताछ हुई, लेकिन आरोप तय नहीं हुए
सूत्रों के अनुसार, ईओडब्ल्यू और एसीबी की कार्रवाई में कई अनियमितताओं का खुलासा हुआ, लेकिन विभाग के उच्च अधिकारियों पर कार्रवाई नहीं हो पाई। इस दौरान आइएएस भीम सिंह, चंद्रकांत वर्मा और सीजीएमएससी की एमडी पद्मिनी भोई से पूछताछ की गई, लेकिन उनके खिलाफ कोई मामला दर्ज नहीं किया गया। वहीं, विधानसभा सत्र के दौरान स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने दो वरिष्ठ अफसरों की भूमिका की ओर इशारा किया था। अब जब ईडी ने जांच का जिम्मा लिया है, तो माना जा रहा है कि बचते आ रहे अफसर भी घेरे में आ सकते हैं।
नोटिस जारी करने की तैयारी
ईडी जल्द ही जेल में बंद दवा व्यापारी और संबंधित अफसरों से पूछताछ के लिए कोर्ट से अनुमति लेने की प्रक्रिया में है। साथ ही तीनों आइएएस अधिकारियों को भी नोटिस जारी कर पूछताछ के लिए बुलाया जाएगा। चर्चा है कि ईडी कुछ और गिरफ्तारियां भी कर सकती है।